हिंसा से दहला मुर्शिदाबाद, अब तक 3 की मौत, कोर्ट ने दिए केंद्रीय बलों की तैनाती के निर्देश
कलकत्ता हाईकोर्ट ने शनिवार को जिले में सीएपीएफ की तत्काल तैनाती का निर्देश दिया…
मुर्शिदाबाद में वक्फ अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़कने पर कलकत्ता हाईकोर्ट ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल की तैनाती का आदेश दिया है। इस हिंसा में अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है। विपक्ष ने राज्य पुलिस को असमर्थ बताते हुए चार जिलों में सीएपीएफ की तैनाती की मांग की थी।
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शन के हिंसक रूप लेने के बाद कलकत्ता हाईकोर्ट ने शनिवार को जिले में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की तत्काल तैनाती का निर्देश दिया है। इस हिंसा में अब तक कम से कम तीन लोगों की जान जा चुकी है।
राज्य पुलिस स्थिति को काबू में रखने में असमर्थ
इस मामले में राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने अदालत का रुख करते हुए कहा कि राज्य पुलिस स्थिति को काबू में रखने में असमर्थ है। उन्होंने मुर्शिदाबाद समेत चार जिलों—हुगली, उत्तर 24 परगना और कोलकाता—में भी सीएपीएफ की तैनाती की मांग की थी।
सीएपीएफ की तत्काल तैनाती का आदेश
इस याचिका पर सुनवाई के लिए हाईकोर्ट ने न्यायमूर्ति सौमेन सेन और न्यायमूर्ति राजा बसु चौधरी की विशेष पीठ गठित की, जिसने मामले की गंभीरता को देखते हुए केवल मुर्शिदाबाद जिले में सीएपीएफ की तत्काल तैनाती का आदेश दिया।
बीएसएफ के जवान पहले से ही मुर्शिदाबाद के अशांत इलाकों में मौजूद
सूत्रों के अनुसार, बीएसएफ के जवान पहले से ही मुर्शिदाबाद के अशांत इलाकों जैसे सुती, समसेरगंज और धुलियान में मौजूद हैं। कोर्ट के आदेश के बाद अब पूरे जिले में उनकी तैनाती बढ़ा दी जाएगी।
शनिवार को विपक्ष के नेता के वकील ने राज्य के पुस्तकालय सेवा मंत्री सिद्दीकुल्ला चौधरी पर अपने भड़काऊ सार्वजनिक भाषणों के माध्यम से सीधे हिंसा भड़काने का आरोप लगाया था। उन्होंने यह भी कहा कि मुर्शिदाबाद जिले के कुछ इलाकों में पहले से तैनात बीएसएफ कर्मियों का संबंधित जिला मजिस्ट्रेट द्वारा उचित उपयोग नहीं किया जा रहा है।
बनर्जी ने याचिका को बताया राजनीति से प्रेरित
वहीं, राज्य सरकार के वकील और तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कल्याण बनर्जी ने याचिका को राजनीति से प्रेरित बताया, लेकिन कहा कि राज्य सरकार को सैद्धांतिक रूप से सीएपीएफ की तैनाती पर कोई आपत्ति नहीं है।
न्यायालय मूकदर्शक नहीं बना रह सकता – कोर्ट
कोर्ट ने कहा कि जब हिंसा की घटनाएं इतनी गंभीर हों, तो न्यायालय मूकदर्शक नहीं बना रह सकता, और इसी आधार पर मुर्शिदाबाद में सीएपीएफ की तैनाती का आदेश दिया गया।