Myanmar Earthquake: एक दिन में छह बार कांपी Myanmar की धरती
Myanmar में 7.7 तीव्रता का भूकंप, 26 की मौत, सैकड़ों घायल
म्यांमार और थाईलैंड में 7.7 तीव्रता के भूकंप ने भारी तबाही मचाई, जिसमें कई इमारतें गिर गईं और सड़कों में दरारें आ गईं। थाईलैंड के पीएम ने बैंकॉक में इमरजेंसी घोषित कर दी। म्यांमार में एक दिन में छह बार भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिससे लोग जान बचाने के लिए भागने लगे।
म्यांमार और थाईलैंड में 7.7 तीव्रता के भूंकप ने तबाही मचा दी है। शक्तिशाली भूकंप के झटकों से बड़ी इमारतें ताश के पत्तों की तरह बिखर गई, सड़कों में दरार आ गई, लोग जान बचाने के लिए भागने लगे। इस तबाही के बाद थाईलैंड के पीएम शिनवात्रा ने बैंकॉक में इमरजेंसी की घोषणा कर दी। म्यांमार में भूकंप के एक के बाद एक लगातार 6 झटके महसूस किए गए। सबसे पहले दोपहर 12 बजे रिएक्टर स्केल पर 7.7 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया है और कुछ देर बाद ही 7.0 तीव्रता से आया शक्तिशाली भूकंप के झटके महसूस किए गए।
म्यांमार में 6 भूकंप के झटके लगे
म्यांमार में 7.7 तीव्रता का भूकंप और 7.0 तीव्रता का जोरदार भूकंप आने के बाद 4 झटके महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार 10 किलोमीटर की गहराई पर आया भूकंप अत्याधिक संवेदनशील माना जाता है।
7.2 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया। यह 10 किलोमीटर की गहराई में आया था।
दूसरा दोपहर 12 बजे किलोमीटर की गहराई पर 7.0 तीव्रता का भूकंप आया।
तीसरा भूकंप 5.0 तीव्रता का दर्ज किया गया।
चौथा भूकंप 4.9 तीव्रता का 30 किलोमीटर की गहराई पर आया।
पांचवा भूकंप 4.4 तीव्रता का 10 किलोमीटर की गहराई पर आया।
छठा भूकंप 4.3 तीव्रता का 10 किमी की गहराई पर आया।
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बचाव अभियान जारी
म्यांमार और थाईलैंड में आए महाभूकंप ने तबाही मचा दी है। इस तबाही में 26 लोगों की मौत हो गई है और सैकडों लोग घायल हो गए है। पूरे इलाके में रेस्कूय टीम द्वारा बचाव अभियान चलाया जा रहा है। लोग अभी भी दहशत में दिन काट रहे है। PM मोदी ने म्यांमार और थाईलैंड के लिए मदद का हाथ बढ़ाया है।
10 किलोमीटर की गहराई पर आया भूकंप
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ने बताया कि एक बार में भूकंप के छह झटके लगना और 10 किलोमीटर की गहराई पर भूकंप आना गहरे भूकंपों की तुलना में ज़्यादा ख़तरनाक होते हैं क्योंकि पृथ्वी की सतह के नज़दीक आने पर ये ज़्यादा ऊर्जा छोड़ते हैं, जिससे ज़मीन ज़्यादा हिलती है। जिससे इमारतों का भर-भराकर गिरना और जान-माल का ज़्यादा नुकसान होता है। वहीं गहरे भूकंप सतह पर आने पर अपनी ऊर्जा खो देते हैं। बता दें कि म्यांमार मध्यम और बड़ी तीव्रता वाले भूकंपों के खतरों के प्रति संवेदनशील है, जिसमें इसकी लंबी तटरेखा पर सुनामी के खतरे भी शामिल हैं।