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नाग पंचमी 2025: Nag Panchami kyun Manayi Jaati Hai? जानें पौराणिक कथा और पूजा विधि

11:18 AM Jul 28, 2025 IST | Bhawana Rawat
Nag Panchami kyun Manayi Jaati Hai?

Nag Panchami kyun Manayi Jaati Hai?: नागपंचमी हिंदू धर्म में मनाया जाने वाला एक प्रमुख और धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण पर्व है। यह ऐसा पर्व है जो धर्म, प्रकृति और करुणा का संगम है। यह न केवल हमारे प्राचीन सांस्कृतिक मूल्यों को दर्शाता है, बल्कि जीवों के प्रति दया और सह-अस्तित्व की भावना को भी प्रोत्साहित करता है। यह त्योहार श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है।  इस दिन विशेष रूप से नाग देवता की पूजा की जाती है, जिससे व्यक्ति सर्पदंश के भय से मुक्त रहता है और जीवन में सुख-शांति बनी रहती है। चलिए आपको बताते हैं कि Nag Panchami क्यों मनाई जाती है इसके पीछे का कारण क्या है।

पौराणिक मान्यताएं

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Nag Panchami

Nag Panchami से जुड़ी कई धार्मिक कथाएं प्रचलित हैं। उनमें से एक प्रमुख कथा महाभारत काल की है। जब राजा परीक्षित के पुत्र जनमेजय ने अपने पिता की मृत्यु का बदला लेने के लिए एक विशाल सर्प यज्ञ का आयोजन किया था, तब यज्ञ में सभी सर्प जलने लगे। नागों की रक्षा के लिए अस्तिक मुनि ने जनमेजय को समझाया और यज्ञ को रुकवाया। यह घटना श्रावण मास की पंचमी तिथि को हुई थी, तभी से इस दिन को नागों की रक्षा के लिए समर्पित माना जाता है।

Nag Panchami

एक और पौराणिक कथा भगवान श्री कृष्ण और कालिया नाग से जुड़ी है। कथा के अनुसार श्रावण शुक्ल पक्ष पंचमी के दिन भगवान श्री कृष्ण ने वृंदावन के लोगों की जान कालिया नाग से बचाई थी और भगवान ने सांप के फन पर नृत्य किया और और बांसुरी भी बजाई थी। तब से ही नागों की पूजा की परंपरा चली आ रही है।

Nag Panchami kyun Manayi Jaati Hai?: प्रकृति और सांपों से जुड़ाव

Nag Panchami

नागपंचमी सिर्फ धार्मिक ही नहीं, बल्कि पर्यावरणीय दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण है। श्रावण मास वर्षा ऋतु का समय होता है, जब जमीन में रहने वाले सांप अपने बिलों से बाहर निकलते हैं। ऐसे में इंसानों और सांपों के बीच टकराव की संभावना बढ़ जाती है। इस दिन सांपों को दूध, चावल और मीठा अर्पित कर उन्हें सम्मानित किया जाता है ताकि वे किसी को नुकसान न पहुंचाएं।

Nag Panchami की पूजा विधि:

Nag Panchami

इस दिन लोग नाग देवता की मूर्ति या चित्र को घर की दीवारों पर बनाकर पूजा करते हैं। कहीं-कहीं वास्तविक सर्पों को दूध पिलाया जाता है, लेकिन आधुनिक समय में यह परंपरा मूर्ति या चित्र बनाकर निभाई जाती है। नाग देवता को दूध, लड्डू, पुष्प और कुश अर्पित किए जाते हैं। महिलाएं व्रत रखती हैं और अपने परिवार की रक्षा की कामना करती हैं।

 

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Kab Hai Nag Panchami?

Nag Panchami Date and Time

साल 2025 में Nag Panchami का त्योहार 29 जुलाई, मंगलवार को मनाया जाएगा। पंचमी तिथि की शुरुआत 28 जुलाई की रात 11:24 बजे से होगी और इसका समापन 30 जुलाई की रात 12:46 बजे होगा। लेकिन पंचमी का उदय 29 जुलाई को हो रहा है, इसलिए इसी दिन नाग पंचमी का व्रत और पूजा की जाएगी।

Nag Panchami: पूजा का शुभ समय

Nag Panchami के दिन  पूजा करने का सबसे अच्छा समय सुबह 5:41 बजे से 8:23 बजे तक का है। इस शुभ मुहूर्त में नाग देवता की पूजा करने से विशेष पुण्य फल प्राप्त होता है और जीवन में आने वाले संकटों से मुक्ति मिलती है। विशेष रूप से सर्प दोष से ग्रस्त लोगों को इस दिन पूजा करना लाभकारी माना गया है।

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Nag Panchami puja vidhi

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Disclaimer: इस लेख में बताई गई विधि, तरीके और सुझाव, सामान्य मान्यताओं और जानकारी पर आधारित है, Punjabkesari.com इसकी पुष्टि नहीं करता है.

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