'मेरे बच्चे मुझे लौटा दो...', भीड़ ने की तीन बेटों और सास की निर्मम हत्या, 8 साल बाद भी सदमे में मां
Nagadih Murder Case Judgement: झारखंड के बहुचर्चित नागाडीह हत्याकांड में फैसला आ चुका है। अपर जिला व सत्र न्यायधीश विमलेश कुमार सहाय ने इस मामले में पांच दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इससे पहले 25 सितंबर को अदालत ने इस मामले में पांच अभियकुतों को दोषी करार कर दिया था और 8 अक्टूबर को उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई गई।
बता दें नागाडीह हत्याकांड में 25 लोगों के खिलाफ ट्रायल चल रहा था, जिसमें से पांच को सजा हुई और 20 को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया। चलिए विस्तार से जानते हैं आठ साल पहले हुई इस घटना के बारे में।
Nagadih Murder Case Judgement: बच्चा चोर कहकर ली जान
साल 2017 में 18 मई को, बागबेड़ा थाना क्षेत्र नागडीह में भीड़ द्वारा चार लोगों पर हमला कर उनकी हत्या कर दी गई। विकाल वर्मा, उसके भाई गौतम वर्मा और गंगेश के नाम के लोगों पर भीड़ ने बच्चा चोरी करने का आरोप लगाते हुए हमला किया। हथियारों से लैस ग्रामीणों ने तीनो की पीट-पीटकर हत्या कर दी। इस हमले में उनकी दादी भी बुरी तरह से जख्मी हो गई, जों भीड़ से उन्हें छोड़ने की गुहार लगा रही थी। 76 वर्षीय रामसखी देवी ने भी टीएमएच में दम तोड़ दिया। इस घटना से पूरे गांव में हड़कंप मच गया।
Nagadih Murder Case: 'मेरे बच्चे लौटा दो'
3 मई, 2024 को उनका निधन हो गया। पूर्व लोक अभियोजक सुशील कुमार जायसवाल, जगत विजय सिंह, सुधीर कुमार पप्पू और अन्य मृतक के परिजनों की ओर से शिकायतकर्ता का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। अदालत द्वारा केवल पाँच आरोपियों को दोषी ठहराए जाने से क्षुब्ध होकर, मां रोते हुए बोली, "मुझे मेरे बच्चे वापस दो और सबको रिहा कर दो। 300 लोगों ने मेरे बच्चों को तलवारों और पत्थरों से मार डाला।"
Jharkhand Crime News Today: सदमे में परिवार
इस कुख्यात मामले की सुनवाई जमशेदपुर सिविल कोर्ट में चल रही थी। मृतको के पिता मणिचंद्र वर्मा अभी तक उस सदमे से उबर नहीं पाए हैं। वर्मा कहते हैं कि यह घटना एक साजिश थी और वो भी पुलिस के सामने। पुलिस पर भी हमला हुआ। उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि ऐसा कुछ होगा। भगवान ऐसी मौत किसी को न दे।
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