राकांपा (एसपी) में बदलाव की आहट, जयंत पाटिल का संकेत बना चर्चा का विषय
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता जयंत पाटिल ने अपने पद से हटने की घोषणा की…
महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) के नेता जयंत पाटिल ने अपने पद से हटने की घोषणा की है, जिससे पार्टी में नए चेहरों को मौका देने का संकेत मिलता है। यह घोषणा पुणे में पार्टी के स्थापना दिवस पर की गई, जहां कार्यकर्ताओं ने विरोध जताया। शरद पवार ने कहा कि इस पर विचार-विमर्श के बाद निर्णय लिया जाएगा।
महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) के प्रमुख नेता जयंत पाटिल ने अपने पद से हटने के संकेत दिए हैं। यह घोषणा उन्होंने पुणे के बालगंधर्व रंगमंदिर में आयोजित पार्टी के 26वें स्थापना दिवस कार्यक्रम में की, जहां पार्टी के संस्थापक शरद पवार भी मौजूद थे।
बता दे कि यह घोषणा एनसीपी के दो गुटों के बीच संभावित विलय और स्थानीय निकायों के चुनावों की अटकलों के बीच की गई है।
“अब नए लोगों को मौका मिलना चाहिए”
जयंत पाटिल ने अपने संबोधन में कहा, “पवार साहब ने मुझे कई अवसर दिए हैं। मैं पिछले सात वर्षों से इस जिम्मेदारी को निभा रहा हूं, लेकिन अब समय आ गया है कि पार्टी में नए चेहरों को मौका दिया जाए।”
कार्यकर्ताओं का विरोध और भावुक माहौल
उनकी इस बात पर मंच पर मौजूद कार्यकर्ताओं ने विरोध जताया और उन्हें पद पर बने रहने की अपील की। पाटिल ने भावुक होते हुए कार्यकर्ताओं से शांत रहने और फैसले का सम्मान करने की बात कही।
उन्होंने कहा, “यह पार्टी पवार साहब की है, इसलिए उन्हें ही इस बारे में उचित निर्णय लेना चाहिए। मैं सभी कार्यकर्ताओं और पवार साहब को धन्यवाद देता हूं।”
शरद पवार ने कहा- विचार-विमर्श के बाद होगा निर्णय
शरद पवार ने इस मौके पर कहा कि जयंत पाटिल के प्रस्ताव पर विचार किया जाएगा और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ चर्चा कर सामूहिक निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने यह भी जोड़ा कि यदि नेतृत्व में बदलाव होता है, तो यह सुनिश्चित किया जाएगा कि हर जिले में नए और समर्पित चेहरों को अवसर मिल सके।
रोहित पवार की प्रतिक्रिया
इस बीच, विधायक रोहित पवार ने भी प्रतिक्रिया दी और कहा कि पार्टी की कमान ऐसे नेता को दी जानी चाहिए, जिसने वर्षों तक निष्ठा से काम किया हो और जिसकी पृष्ठभूमि साधारण रही हो।
पार्टी के अंदर चल रहे बदलाव की झलक
गौरतलब है कि राकांपा का विभाजन जुलाई 2023 में हुआ था, जब अजित पवार ने शरद पवार से अलग होकर शिवसेना-भाजपा सरकार का हिस्सा बनने का फैसला लिया था। अब, इन परिस्थितियों में जयंत पाटिल के संकेतों को पार्टी में बड़े बदलाव के रूप में देखा जा रहा है।