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केन्या में लगभग 4,80,000 बच्चे कुपोषण का शिकार

केन्या के राष्ट्रीय सूखा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने कहा कि देश के 23 शुष्क क्षेत्रों में पांच वर्ष से कम आयु के लगभग 4,79,498 बच्चे गंभीर कुपोषण की समस्या का सामना कर रहे हैं

12:58 PM Oct 25, 2024 IST | Rahul Kumar Rawat

केन्या के राष्ट्रीय सूखा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने कहा कि देश के 23 शुष्क क्षेत्रों में पांच वर्ष से कम आयु के लगभग 4,79,498 बच्चे गंभीर कुपोषण की समस्या का सामना कर रहे हैं

केन्या में लगभग 4 80 000 बच्चे कुपोषण का शिकार

Kenya: केन्या के राष्ट्रीय सूखा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने कहा कि देश के 23 शुष्क क्षेत्रों में पांच वर्ष से कम आयु के लगभग 4,79,498 बच्चे गंभीर कुपोषण की समस्या का सामना कर रहे हैं और उन्हें उपचार की आवश्यकता है। यद्यपि कुपोषण के मामले अभी भी ऊंचे स्तर पर हैं, लेकिन केन्या की राजधानी नैरोबी में जारी एनडीएमए के सितम्बर माह के अपडेट के अनुसार जुलाई माह के 7,60,488 की तुलना में यह संख्या कम हुई है। एनडीएमए ने कहा, ”मामलों में कमी का कारण दूध की उपलब्धता (हालांकि कम मात्रा में) है जिसे पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए प्राथमिकता दी गई है और परिवारों का पहले के मुकाबले विभिन्‍न आहारों का सेवन करना है।

  • HIGHLIGHTS

  • केन्या में बढ़ रहे कुपोषण के मामले

  • 4,79,498 बच्चे गंभीर कुपोषण की समस्या की चपेट में

  • बच्चों को नहीं मिल रहा पर्याप्त मात्रा में आहार

उचित इलाज का आवश्यकता

स्थानीय समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, प्राधिकरण ने कहा कि 110 गर्भवती और 169 स्तनपान कराने वाली माताएं कुपोषित हैं और उन्हें देखभाल की आवश्यकता है। यह संख्या जुलाई के आंकड़ों से कम है। कुपोषण के मामले प्रतिकूल जलवायु घटनाओं, कम आय और खराब स्वास्थ्य सेवा-प्राप्ति व्यवहार से उत्पन्न हुए हैं। एनडीएमए ने यह भी नोट किया कि 10 लाख केन्याई लोगों को अभी भी मानवीय सहायता की आवश्यकता है, यह आंकड़ा भी जुलाई से बदला है।

सूखा और बाढ़ की चपेट में लोग

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, जून के अंत तक हॉर्न ऑफ अफ्रीका में लगभग 1.08 करोड़ बच्चे और लगभग 10 लाख गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं गंभीर रूप से कुपोषित थीं और उन्हें उपचार की आवश्यकता थी। संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी ने कहा कि यह संकट बढ़ते संघर्ष और जलवायु आपदाओं के कारण उत्पन्न हुआ है, जिसमें सूखा और हाल ही में अल नीनो वर्षा शामिल है, जिसके कारण भयंकर बाढ़ आई और हजारों लोग विस्थापित हुए।

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