'प्रदर्शन में जान गंवाने वाले Gen-Z को मिलेगा शहीद का दर्जा...', नेपाल की सुशीला सरकार के इस फैसले ने बटोरी सुर्खियां
Nepal Latest News: नेपाल में हाल ही में हुए बड़े राजनीतिक बदलावों के बाद देश एक बार फिर सामान्य स्थिति की ओर बढ़ रहा है। 12 सितंबर 2025 को इतिहास रचते हुए सुशीला कार्की नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं। उन्होंने जन समर्थन, खासकर Gen-Z आंदोलन की ताकत पर सत्ता संभाली है।
Nepal Latest News: कैबिनेट विस्तार और पहला बड़ा फैसला
प्रधानमंत्री बनने के कुछ ही दिनों बाद, सोमवार को सुशीला कार्की की सरकार का विस्तार किया गया। कैबिनेट में तीन नए मंत्रियों को शामिल किया गया। इसके साथ ही सरकार ने अपना पहला अहम फैसला लेते हुए घोषणा की कि 17 सितंबर को राष्ट्रीय शोक दिवस मनाया जाएगा। यह शोक दिवस उन युवाओं को समर्पित होगा, जिन्होंने हालिया Gen-Z आंदोलन में अपनी जान गंवाई। यह फैसला देश के लिए उनके बलिदान और वीरता को सम्मान देने के उद्देश्य से लिया गया है।
Nepal Gen-Z Protest: Gen-Z आंदोलन ने बदली सत्ता
Gen-Z, यानी देश के युवाओं द्वारा शुरू किया गया यह आंदोलन सिर्फ चार दिनों में ओली सरकार को गिराने में सफल रहा। यह आंदोलन राजधानी काठमांडू, पोखरा, बुटवल समेत पूरे देश में फैल गया। युवाओं ने सामाजिक और राजनीतिक न्याय की मांग करते हुए जोरदार विरोध-प्रदर्शन किया। इस दौरान 59 प्रदर्शनकारी, 10 जेल में बंद कैदी और 3 सुरक्षा कर्मियों की मौत हो गई, यानी कुल 72 लोग मारे गए। वहीं 2000 से ज्यादा लोग घायल भी हुए।
शहीद का दर्जा और स्मारक पार्क का ऐलान
नई सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि आंदोलन में मारे गए सभी युवाओं को शहीद का दर्जा दिया जाएगा। इसके साथ ही सरकार ने यह भी तय किया है कि 17 सितंबर को पूरे देश में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा। सरकार ने "Gen-Z मेमोरियल पार्क" बनाने की भी घोषणा की है, ताकि आने वाली पीढ़ियां इन युवाओं के बलिदान को हमेशा याद रखें।
Nepal News: ओली सरकार के फैसले होंगे रद्द
कैबिनेट की एक और बड़ी घोषणा के तहत, सुशीला कार्की की सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री ओली के कार्यकाल में लिए गए सभी फैसलों और प्रस्तावों को रद्द करने का निर्णय लिया है। इसका उद्देश्य है एक नई नीति पर आधारित, पारदर्शी और भ्रष्टाचारमुक्त शासन व्यवस्था को स्थापित करना।
एक नई शुरुआत की ओर नेपाल
नेपाल की राजनीति में यह एक बड़ा बदलाव है। पहली बार देश की कमान किसी महिला नेता के हाथों में है, और वह भी ऐसे समय में जब युवाओं की आवाज़ ने सरकार को बदल दिया। सुशीला कार्की का प्रधानमंत्री बनना न सिर्फ एक ऐतिहासिक पल है, बल्कि यह भविष्य की राजनीति में युवा शक्ति और महिला नेतृत्व की भूमिका को भी दर्शाता है।
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