Nepal PM Sushila Karki: नेपाल में नई उम्मीदों का सूर्योदय, 5 शर्तों में माने Gen-Z, पटरी पर लौटा जनजीवन
Nepal PM Sushila Karki: नेपाल में बीते दिनों में हिंसक झड़प, सरकार का तख्तापलट और अब नेपाल की पहली महिला अंतरिम PM सुशीला कार्की बनने के बाद इतिहास बदल गया है। नेपाल की नवनियुक्त अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की रविवार को औपचारिक रूप से पदभार ग्रहण करेंगी और उसी दिन अपने मंत्रिमंडल के विस्तार की भी घोषणा कर सकती हैं। बता दें कि नेपाल के 73 वर्षीय पूर्व मुख्य न्यायाधीश को शुक्रवार को अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई।
Nepal PM Sushila Karki
सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर प्रतिबंध के कारण राजनीतिक ठहराव, भ्रष्टाचार और आर्थिक असमानता पर निराशा के कारण Gen-Z के व्यापक विरोध के बाद यह कदम उठाया गया। बता दें कि व्यापक विरोध प्रदर्शनों के बाद नेपाल के प्रधानमंत्री रहे के. पी. शर्मा ओली के इस्तीफे के बाद, प्रदर्शनकारियों ने सामूहिक रूप से अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में सुशीला कार्की के नाम का समर्थन किया था।
PM Modi Congratulates Sushila Karki
नेपाल में नई अंतरिम सरकार बनने के बाद आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सुशीला कार्की को नेपाल के अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में पदभार ग्रहण करने पर बधाई दी। बता दें कि नेपाल की संसद को औपचारिक रूप से भंग कर दिया गया और 5 मार्च 2026 को नए चुनाव निर्धारित किए गए। इसके कुछ ही घंटों बाद पूर्व कार्की को देश के नए अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई।
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कार्की ने काठमांडू स्थित राष्ट्रपति निवास शीतल निवास में शपथ ली और वह नेपाल में प्रधानमंत्री का पद संभालने वाली पहली महिला बनीं। राष्ट्रपति कार्यालय ने कहा कि नये मंत्रिमंडल को व्यवस्था बहाल करने और अगले वर्ष 5 मार्च को संघीय संसद के चुनावों के लिए जमीन तैयार करने का कार्य सौंपा गया है।
पहली शर्त: नेपाल में अपना प्रतिनिधि चुनने के लिए 6 से 12 महीने में चुनाव कराने की मांग।
दूसरी शर्त: संसद को भंग करने की मांग रखी गई। सुशीला कार्की ने कैबिनेट बैठक में संसद को भंग करने का प्रस्ताव रखा और राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए।
तीसरी शर्त: नेपाल में सेना और नागरिकों के बीच प्रतिनिधि का शासन कायम रखने की मांग।
चौथी शर्त: नेपाल में सभी नेता, मंत्री और विधायक के संपत्ति की जांच कराई जाए। इन शर्तों को सुशीला कार्की ने मान लिया है और नेपाल भ्रष्टाचार निवारक आयोग का गठन किया है।
पांचवी शर्त: नेपाल में प्रदर्शकारियों के खिलाफ हुई हिंसा की स्वंतत्र जांच करानी चाहिए। इन मांगो को मानते हुए न्यायिक आयोग गठित की गई है।
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