कोविड का नया वैरिएंट: क्या है खतरा, कितनी है गंभीरता और क्या वैक्सीनेशन से बचाव मुमकिन है?
कोविड के नए वैरिएंट से कितना बड़ा खतरा?
उत्तर प्रदेश में कोरोना के नए वैरिएंट NB.1.8.1 से पहली मौत आगरा में हुई है। राज्य में 40 सक्रिय मरीज हैं और सबसे अधिक केस नोएडा और गाजियाबाद में मिल रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि चौथी लहर का प्रभाव सीमित रहेगा और यह दूसरी लहर की तरह घातक नहीं होगी।
उत्तर प्रदेश में कोरोना के नए वैरिएंट NB.1.8.1 से पहली मौत आगरा में दर्ज की गई है। इस समय राज्य में 40 सक्रिय मरीज होम आइसोलेशन में हैं। सबसे अधिक केस नोएडा और गाजियाबाद में मिल रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर चौथी लहर आती है, तो इसका प्रभाव 21 से 28 दिनों तक सीमित रहेगा और यह दूसरी लहर की तरह घातक नहीं होगी। विशेषज्ञ यह भी चेतावनी दे रहे हैं कि जिन लोगों ने वैक्सीनेशन करवाया है, उन्हें भी सावधानी बरतनी चाहिए। वैक्सीनेशन गंभीर प्रभाव को कम कर सकता है, लेकिन यह संक्रमण को पूरी तरह रोक नहीं सकता।
नया वैरिएंट JN.1 कितना खतरनाक है?
JN.1 वैरिएंट ओमिक्रॉन का ही सब-वेरिएंट है, जिसकी संक्रामक क्षमता बहुत अधिक है। यह उन लोगों को भी संक्रमित कर सकता है जो पहले कोविड से संक्रमित हो चुके हैं। हालांकि, इसकी गंभीरता शुरूआती लहरों जितनी नहीं है।
क्या कोविड टेस्टिंग फिर से शुरू होनी चाहिए?
टेस्टिंग और जीनोम सीक्वेंसिंग जरूरी हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि कोई नया वैरिएंट फैल रहा है या नहीं। साथ ही, लोगों को घबराने के बजाय सावधानी बरतनी चाहिए। इसका मुख्य कारण शरीर में एंटीबॉडी का घटता स्तर हो सकता है। कुछ शोधों में यह पाया गया कि गर्मी में यह ज्यादा तेजी से फैलता है, जबकि सर्दी में इसका असर उतना घातक नहीं रहा।
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अगर चौथी लहर आई तो उसका असर कितना रहेगा?
अनुमान है कि चौथी लहर 21 से 28 दिन तक सीमित रह सकती है। यह आंकलन सिंगापुर जैसे देशों में हालिया ट्रेंड्स पर आधारित है। NB.1.8 एशिया और अमेरिका में कोरोना मामलों में उछाल की प्रमुख वजह है। यह तेजी से फैलता है लेकिन लक्षण हल्के होते हैं और अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत कम होती है।