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नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने झारखंड में गंगा और उसकी सहायक नदी दामोदर में प्रदूषण की रिपोर्ट जमा नहीं करने पर झारखंड सरकार पर 25 हजार रुपए का टोकन जुर्माना लगाया है। ट्रिब्यूनल ने इसके लिए झारखंड के मुख्य सचिव सहित राज्य के उन सभी जिलों के उपायुक्तों की उदासीनता पर नाराजगी जाहिर की है।

जुर्माने की रकम उन जिलों के उपायुक्तों से वसूलने को कहा गया है, जिन्होंने एनजीटी के निर्देश के बावजूद प्रदूषण की स्थिति पर रिपोर्ट नहीं जमा की। झारखंड में गंगा नदी साहिबगंज से गुजरती है, जबकि उसकी सहायक दामोदर नदी के बहाव का सबसे ज्यादा क्षेत्र बोकारो, धनबाद और रामगढ़ जिलों में है। इन सभी जिलों के उपायुक्तों से एनजीटी ने 24 नवंबर, 2023 और 5 दिसंबर, 2023 को रिपोर्ट तलब की थी।
एनजीटी के चेयरमैन जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव की पीठ ने टोकन जुर्माने की रकम एक सप्ताह में जमा करने को कहा है। पीठ ने कहा कि लगातार अवसर दिए जाने के बावजूद न तो उपायुक्तों ने कोई उत्तर दिया, न ही मुख्य सचिव ने ट्रिब्यूनल से कोई संवाद स्थापित किया। पीठ ने यह आदेश एमसी मेहता की याचिका पर सुनवाई करते हुए जारी किया है।

याचिका में कहा गया है कि झारखंड में गंगा की सहायक नदी दामोदर में लगातार प्रदूषण जारी है। उन्होंने सुनवाई के दौरान प्रदूषण की रिपोर्ट जमा नहीं करने पर ट्रिब्यूनल से मांग की थी कि प्रिंसिपल ऑफ पॉल्यूटर पेज के तहत संबंधित उपायुक्तों पर कार्रवाई की जानी चाहिए। पीठ ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 10 अप्रैल की तारीख मुकर्रर की है।