Top NewsIndiaWorldOther StatesBusiness
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariHoroscopeHealth & LifestyleViral NewsTech & AutoGadgetsvastu-tipsExplainer
Advertisement

निर्भया के माता-पिता ने अदालत का रुख कर दोषियों के लिए मृत्यु वारंट मांगा, सुनवाई बुधवार को

गौरतलब है कि निचली अदालत ने 31 जनवरी को मामले में चारों दोषियों की फांसी पर अगले आदेश तक रोक लगा दी थी। ये चारों तिहाड़ जेल में कैद हैं।

04:35 PM Feb 11, 2020 IST | Desk Team

गौरतलब है कि निचली अदालत ने 31 जनवरी को मामले में चारों दोषियों की फांसी पर अगले आदेश तक रोक लगा दी थी। ये चारों तिहाड़ जेल में कैद हैं।

नयी दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने निर्भया सामूहिक बलात्कार एवं हत्या मामले में नया मृत्यु वारंट जारी करने के मृतका के माता-पिता और दिल्ली सरकार के अनुरोध पर मंगलवार को चारों दोषियों से जवाब मांगा। ये चारों दोषी फांसी की सजा का सामना कर रहे हैं। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने सभी (चारों) दोषियों को नोटिस जारी किया और कहा कि अदालत कल (बुधवार को) इस विषय पर सुनवाई करेगी। 
Advertisement
निर्भया के माता-पिता ने अदालत से कहा कि दोषी करार दिए गए व्यक्ति कानून का मजाक उड़ा रहे हैं। इन दोषियों की फांसी की सजा की तामील के लिए नयी तारीख तय किए जाने के वास्ते अधिकारियों (दिल्ली सरकार के) को निचली अदालत जाने के लिए उच्चतम न्यायालय से मिली छूट के बाद यह याचिका दायर की गई है। 
तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने मंगलवार को निचली अदालत में एक स्थिति रिपोर्ट दाखिल कर कहा कि किसी भी दोषी ने पिछले सात दिनों में कोई कानूनी विकल्प नहीं चुना है, जो समयसीमा दिल्ली उच्च न्यायालय ने दी थी। इन चारों दोषियों में मुकेश कुमार सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय कुमार शर्मा (26) और अक्षय कुमार (31) शामिल हैं। 
निचली अदालत ने सात फरवरी को दिल्ली सरकार और तिहाड़ जेल के अधिकारियों की वे याचिकाएं खारिज कर दी थीं जिनके जरिए मामले में चारों दोषियों की फांसी के लिए नयी तारीख की मांग की गई थी। अदालत ने उच्च न्यायालय के पांच फरवरी के आदेश का संज्ञान लिया था जिसमें दोषियों को एक हफ्ते के अंदर अपने सभी कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल करने की इजाजत दी गई थी। 
अदालत ने कहा था, ‘‘दोषियों को ऐसे में फांसी देना पाप होगा, जब कानून उन्हें जीने का अधिकार देता है। उच्च न्यायालय ने पांच फरवरी को दोषियों को न्याय के हित में इस आदेश के एक हफ्ते के अंदर अपने कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल करने की इजाजत दी थी।’’ गौरतलब है कि निचली अदालत ने 31 जनवरी को मामले में चारों दोषियों की फांसी पर अगले आदेश तक रोक लगा दी थी। ये चारों तिहाड़ जेल में कैद हैं। 
Advertisement
Next Article