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अब भूल जाइए बिहारी, चिंकी-पिंकी-जाट जैसे शब्दों को बोलना; UGC की नई गाइडलाइन से चर्चा तेज

UGC की सख्ती: रैगिंग में अब भाषाई टिप्पणी भी शामिल

04:50 AM Jun 18, 2025 IST | Shivangi Shandilya

UGC की सख्ती: रैगिंग में अब भाषाई टिप्पणी भी शामिल

अब भूल जाइए बिहारी  चिंकी पिंकी जाट जैसे शब्दों को बोलना  ugc की नई गाइडलाइन से चर्चा तेज
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यूजीसी ने कॉलेज और यूनिवर्सिटी कैंपस में रैगिंग को रोकने के लिए नई गाइडलाइन जारी की है। अब भाषा, जाति, रंग, धर्म, लिंग आदि पर टिप्पणी भी रैगिंग मानी जाएगी। बिहारी, जाट या चिंकी-पिंकी जैसे शब्दों का उपयोग अब अपराध माना जाएगा। सभी संस्थानों को एंटी-रैगिंग कमेटी बनानी होगी और जागरूकता अभियान चलाना होगा।

भारत के कॉलेज और यूनिवर्सिटी कैंपस को अब पूरी तरह से रैगिंग फ्री बनाने के लिए UGC तैयार है। रैगिंग हमारे आने वाले कल और आज के लिए एक बेहद शर्मनाक घटनाओं में से एक है। UGC ने सभी युनिवर्सिटी और उच्च शिक्षण संस्थानों को सख्त निर्देश जारी किया है कि अगर रैगिंग के मामलों में अब सिर्फ फिजिकल या मेंटल हरासमेंट ही नहीं, बल्कि भाषा जाति, रंग, धर्म, लिंग आदि पर टिप्पणी भी अब रैगिंग मानी जाएगी।

बता दें कि यूजीसी की नई गाइडलाइन के अनुसार, अब आप किसी को बिहारी, जाट या चिंकी-पिंकी जैसे शब्दों से नहीं बुला सकते है.अगर आप ऐसा करेंगे तो कानूनन अपराध माना जाएगा। देशभर के यूनिवर्सिटी में नए सेशन की एडमिशन प्रक्रिया शुरू गई है। इसी को देखते हुए UGC ने देश की बड़ी संस्थानों जैसे IIT, IIM, NIT, मेडिकल, लॉ, इंजीनियरिंग या मैनेजमेंट कॉलेज हों सभी को रैगिंग मामले में एंटी रैंगिंग रेगुलेशन 2009 और नई संशोधित गाइडलाइन का पालन करने को कहा है।

कैंपस में भी सख्ती

UGC की गाइडलाइन के मुताबिक, अब सभी यूनिवर्सिटी के कैंपस में एंटी-रैगिंग कमेटी बनानी होगी। यह कमेटी आपके कॉलेज के कैंटीन से लेकर टॉयलेट तक निगरानी करेगी। यह निरक्षण अचानक की जाएगी। ऐसे में एक सवाल कि जहां डार्क प्लेस है वहां क्या करेगी कॉलेज। बता दें वहां CCTV लगाएं जाएंगे। छात्रों से बातचीत और काउंसलिंग को नियमित तौर पर किया जाएगा ताकि रैगिंग की समस्या न हो।

चलाया जाएगा जागरूकता अभियान

पहले भी UGC एंटी-रैगिंग को अपने पोस्टर और वर्कशॉप के माध्यम से प्रमोट करता था। हालांकि, अब इस अभियान को वीडियो के जरिए छात्रों और उनके अभिभावकों तक पहुंचाया जाएगा। इस कदम का उद्देश्य छात्रों को वैज्ञानिक और मानसिक स्तर पर भी मजबूत बनाना है।

ऑनलाइन आवेदन में बदलाव

अब कॉलेज में एडमिशन फॉर्म भरने के वक्त आपको एंटी-रैगिंग की जानकारी देनी होगी। साथ-ही साथ आपको और आपके माता-पिता को भी रैगिंग न करने का शपथपत्र लेना अनिवार्य होगा। यह एक क़ानूनी डॉक्यूमेंट होगा। जिसमें छत्रों की तरफ से लिखित वादा होगा कि वह किसी प्रकार की रैगिंग में शामिल नहीं होगा।

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Shivangi Shandilya

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शिवांगी शांडिल्य पत्रकारिता में पिछले 2 वर्षों से सक्रिय हैं। राजनीति, विदेश, क्राइम के अलावा आद्यात्मिक खबरें लिखना पसंद हैं। गलगोटिया विश्वविद्यालय से बैचलर ऑफ मास कम्यूनिकेशन की पढ़ाई पूरी की है। IGNOU से मास्टर ऑफ मास कम्यूनिकेशन की पढ़ाई जारी है। इस दौर में वेबसाइट पर लिखने का कार्य जारी है। पत्रकारिता की शुरुआत इंडिया न्यूज़ (इनखबर) से हुई, जहां बत्तौर हिन्दी सब-एडिटर के रूप में वेबसाइट पर काम किया। वर्तमान में पंजाब केसरी दिल्ली में हिन्दी सब-एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं। बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में जन्म लेने वाली शिवांगी की शिक्षा उनके गृह जिले में ही हुई है। शिवांगी को राजनीतिक घटनाक्रम पर आलेख लिखना बेहद पसंद है।

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