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अब बिना नेटवर्क के भी चलेगा इंटरनेट! भारत ने स्टारलिंक को दी सर्विस की मंजूरी

09:22 PM Jul 09, 2025 IST | Amit Kumar
Starlink

एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स की इंटरनेट सेवा स्टारलिंक को भारत में एक बड़ा regulatory अप्रूवल मिल गया है. भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन एवं प्राधिकरण केंद्र (IN-SPACe) ने स्टारलिंक को सैटेलाइट आधारित इंटरनेट सेवा शुरू करने की अनुमति दे दी है. यह मंजूरी मिलने के बाद कंपनी को अब भारत में अपनी कमर्शियल सेवाएं शुरू करने में कोई बड़ी रुकावट नहीं है.

IN-SPACe भारत का स्पेस रेगुलेटर है, जो निजी कंपनियों को अंतरिक्ष क्षेत्र में काम करने के लिए मंजूरी देता है. IN-SPACe की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, अब स्टारलिंक को सरकार से केवल कुछ और तकनीकी और कानूनी प्रक्रियाएं पूरी करनी हैं, जैसे स्पेक्ट्रम हासिल करना और ग्राउंड इंफ्रास्ट्रक्चर बनाना.

ट्रायल स्पेक्ट्रम और सुरक्षा जांच

दूरसंचार विभाग (DoT) पहले ही स्टारलिंक को ट्रायल के लिए स्पेक्ट्रम देने की योजना पर काम कर रहा है. इसके तहत कंपनी को कुछ सीमित क्षेत्र में परीक्षण के तौर पर अपनी सेवा शुरू करने का मौका मिलेगा, ताकि सभी सुरक्षा और तकनीकी पहलुओं की जांच की जा सके. केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने हाल ही में कहा था कि भारत में स्टारलिंक के प्रवेश के लिए सभी जरूरी जांचें पूरी हो चुकी हैं.

वीसैट कंपनियों के साथ साझेदारी

स्टारलिंक ने भारत में वीसैट (VSAT) सेवा प्रदाताओं के साथ पहले ही व्यावसायिक समझौते कर लिए हैं. वीसैट एक ऐसी तकनीक है, जो छोटे एंटेना के ज़रिए सैटेलाइट से कनेक्ट होकर इंटरनेट और संचार सेवाएं देती है. यह खास तौर पर उन इलाकों में उपयोगी है जहां परंपरागत वायरलाइन या मोबाइल नेटवर्क उपलब्ध नहीं हैं.

स्टारलिंक की सेवा कितनी प्रभावशाली है?

स्टारलिंक दुनिया की सबसे बड़ी सैटेलाइट इंटरनेट नेटवर्क कंपनियों में से एक है. इसके पास 6,750 से अधिक सक्रिय सैटेलाइट पृथ्वी की निचली कक्षा (LEO) में हैं, जो वैश्विक स्तर पर इंटरनेट सेवा प्रदान करते हैं. ये सैटेलाइट तेज गति और कम लेटेंसी वाली इंटरनेट सेवा देने में सक्षम हैं.

किन देशों में पहले से उपलब्ध है सेवा?

भारत से पहले स्टारलिंक की सेवाएं मंगोलिया, जापान, फिलीपींस, मलेशिया, इंडोनेशिया, अजरबैजान, जॉर्डन, यमन और श्रीलंका जैसे देशों में पहले ही शुरू हो चुकी हैं. इन देशों में यह सेवा खासतौर से ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में बड़ी कामयाबी के साथ चल रही है.

भारत में लॉन्च की तैयारी

स्टारलिंक को अब भारत में सेवाएं शुरू करने के लिए स्पेक्ट्रम की मंजूरी और ज़रूरी ज़मीनी ढांचे की स्थापना करनी होगी. यह प्रक्रिया पूरी होते ही कंपनी भारत में कुछ ही महीनों में अपनी सैटेलाइट इंटरनेट सेवा शुरू कर सकती है. इसके साथ ही भारत के दूर-दराज क्षेत्रों को भी तेज़ और स्थिर इंटरनेट कनेक्शन मिल सकेगा.

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