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अब नीति आयोग ने की योगी मॉडल की तारीफ

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) के बाद देश के नीति आयोग ने भी कोविड प्रबंधन के लिए उत्तर प्रदेश के योगी सरकार के मॉडल की जमकर तारीफ की है।

11:07 PM May 13, 2021 IST | Shera Rajput

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) के बाद देश के नीति आयोग ने भी कोविड प्रबंधन के लिए उत्तर प्रदेश के योगी सरकार के मॉडल की जमकर तारीफ की है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) के बाद देश के नीति आयोग ने भी कोविड प्रबंधन के लिए उत्तर प्रदेश के योगी सरकार के मॉडल की जमकर तारीफ की है।
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आयोग ने यूपी के इस मॉडल को अन्य राज्यों के लिए नत्रीर बताया है। नीति आयोग के आधिकारिक टि््वटर हैंडल से इस संबंध में दो महत्वपूर्ण ट््वीट किए गए हैं। नीति आयोग ने एक ट््वीट में कोरोना मरीजों का पता लगाने और संक्रमण का फैलाव रोकने के किए उन्हें होम आइसोलेट करने के लिए चलाए गए ट्रिपल टी (ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट) के महाभियान की सराहना की है तो दूसरे में यूपी के ऑक्सीजन ट्रांसपोर्ट ट्रैकिंग सिस्टम की। नीति आयोग की टिप्पणी ने कोरोना को काबू में करने में योगी सरकार की नीति-रणनीति पर एक तरह से मुहर भी लगा दी है।
गुरुवार देर शाम आयोग ने अपने एक ट््वीट में कहा है कि उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से राज्य के 97 हजार से अधिक गांवों में घर-घर जाकर कोरोना संक्रमित का पता लगाने और उन्हें आइसोलेट करने के महाभियान को अन्य राज्य भी दोहरा सकते हैं। इस ट््वीट में यह भी बताया गया है कि ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट का यह यूपी मॉडल कोरोना को काबू करने में बेहद प्रभावशाली सिद्ध हो रहा है।
अपने एक अन्य ट््वीट में नीति आयोग ने उत्तर प्रदेश सरकार के ऑक्सीजन आपूर्ति के लिए किए जा रहे प्रयासों को हाथोंहाथ लिया। इस संबंध में आयोग ने टि््वटर हैंडल पर लिखा है कि उत्तर प्रदेश सरकार का ऑक्सीजन ट्रांसपोर्ट ट्रैकिंग सिस्टम बेहद प्रशंसनीय है। यूपी ने ऑक्सीजन ट्रैकिंग के लिए एक ऐसा डैशबोर्ड तैयार किया है जिसके जरिए ऑक्सीजन टैंकरों की रियल टाइम लोकेशन पता लगा सकते हैं। इससे तत्परता से और बेहतर ऑक्सीजन आवंटन संभव हुआ है। नतीजे के रूप में यह आंकड़ हैं कि पहले जहां 250 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की उपलब्धता हो पा रही थी, अब 1000 मीट्रिक टन होने लगी है।
वास्तव में कोरोना का फैलाव रोकने के ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट के फार्मूले से प्रदेश में संक्रमण की रफ्तार बहुत तेजी से थमने लगी है। पिछले 12 दिन में एक्टिव केस की संख्या में एक लाख से अधिक की कमी इस बात की तस्दीक है। इसके साथ ही संक्रमितों के इलाज के दौरान ऑक्सीजन को लेकर शुरुआती दिक्कत भी अब समाप्त हो गई है।
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