अमेरिका से तेल आयात पांच महीने में 72 प्रतिशत बढ़ा, ईराक सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता
चालू वित्त वर्ष के पहले पांच माह के दौरान अमेरिका से कच्चे तेल का आयात 72 प्रतिशत से अधिक बढ़ गया। सरकार कच्चे तेल की आपूर्ति में विविधता ला रही है।
09:12 AM Sep 28, 2019 IST | Desk Team
नई दिल्ली : चालू वित्त वर्ष के पहले पांच माह के दौरान अमेरिका से कच्चे तेल का आयात 72 प्रतिशत से अधिक बढ़ गया। सरकार कच्चे तेल की आपूर्ति में विविधता ला रही है। पश्चिम एशिया के परंपरागत आपूर्तिकर्ता देशों से हटकर अब अन्य देशों से भी इसका आयात बढ़ाया जा रहा है। आधिकारिक आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। वाणिज्यक आसूचना एवं सांख्यिकी महानिदेशालय के आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल से अगस्त 2019 की अवधि में भारत ने अमेरिका से 45 लाख टन कच्चे तेल का आयात किया जबकि एक साल पहले इसी अवधि में अमेरिका से 26 लाख टन कच्चे तेल का ही आयात किया गया था।
दूसरी तरफ इराक अभी भी भारत के लिये कच्चे तेल का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता बना हुआ है। देश की कुल तेल जरूरत की एक चौथाई की आपूर्ति इराक से हो रही हे। अप्रैल से अगस्त की अवधि में इराक ने भारत को दो करोड़ 12 लाख टन कच्चे तेल की बिक्री की। एक साल पहले इसी अवधि में की गई आपूर्ति से यह मात्रा करीब 12 प्रतिशत अधिक रही। भारत में अप्रैल से अगस्त 2019 के दौरान पांच माह की अवधि में कुल नौ करोड़ 12 लाख टन कच्चे तेल का आयात किया गया जो कि एक साल पहले के 9 करोड़ 39 लाख टन के मुकाबले कम है।
सऊदी अरब परंपरागत तौर से भारत को सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता रहा है लेकिन 2017-18 में इराक आगे निकल गया। उसके बाद से भारत को आपूर्ति के मामले में सऊदी अरब दूसरे स्थान पर बना हुआ है। इस दौरान सऊदी अरब ने एक करोड़ 77 लाख टन तेल का निर्यात किया जबकि एक साल पहले इसी अवधि में उसने एक करोड 56 लाख टन तेल भारत को भेजा था। उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार ईरान से तेल आयात काफी कुछ थम गया है। अमेरिका की ओर से इस साल मई में ईरान पर फिर से प्रतिबंध थोप दिये जाने के बाद भारत का ईरान से आयात काफी कम हो गया।
एक साल पहले पांच माह की अवधि में जहां ईरान से एक करोड 33 लाख टन कच्चे तेल का आयात हुआ था वह इस साल इस अवधि में 20 लाख टन ही रह गया। ईरान के स्थान पर तीसरा बड़ा आपूर्तिकर्ता नाइजीरिया रहा है। इस अफ्रीकी देश ने अप्रैल से अगस्त 2019 की अवधि में 71.70 लाख टन तेल की आपूर्ति की। इसके बाद 64 लाख टन की आपूर्ति के साथ संयुक्त अरब अमीरात का स्थान रहा और उसके बाद 61.7 लाख टन की आपूर्ति के साथ वेनेजुएला का स्थान रहा।
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