महाशिवरात्रि पर गौतम अदाणी ने दिखाई घर पर शिव पूजन की झलक
महाशिवरात्रि के मौके प्रसिद्ध हस्तियों ने अपने-अपने तरीके से भगवान शिव की उपासना की।
महाशिवरात्रि के मौके पर देशभर में बुधवार को आम लोगों से लेकर प्रसिद्ध हस्तियों ने अपने-अपने तरीके से भगवान शिव की उपासना की। अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी ने अपने घर पर भोलेनाथ की पूजा की एक झलक दिखाई। गौतम अदाणी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें महादेव की एक बड़ी सी प्रतिमा एक स्टेज पर दिख रही है। उसके साथ लाइटिंग का जबरदस्त संगम किया गया, जो किसी लाइट एंड साउंड शो की भांति दिख रहा है। वीडियो में इसके साथ ‘शिव तांडव स्तोत्र’ बज रहा है।
गौतम अदाणी ने एक्स पर किया पोस्ट
अदाणी समूह के चेयरमैन ने पोस्ट के कैप्शन में लिखा, त्याग, तपस्या और तांडव के अधिपति भगवान शिव की कृपा से ही संपूर्ण सृष्टि गतिमान है। हमारे घर में शिव आराधना के दौरान भोलेनाथ का यह ‘दिव्य और भव्य’ स्वरूप आप सभी के साथ इस वीडियो के माध्यम से साझा कर रहा हूं। महाशिवरात्रि की अनंत मंगलकामनाएं! पहले भी कई मौकों पर गौतम अदाणी के व्यक्तित्व का आध्यात्मिक पक्ष सामने आ चुका है। समूह ने उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में बुधवार को संपन्न महाकुंभ में इस्कॉन के साथ मिलकर रोजाना एक लाख लोगों को महाप्रसाद उपलब्ध कराया। साथ ही गीता प्रेस के सौजन्य से हर रोज लाखों लोगों को आरती संग्रह का वितरण भी किया गया।
त्याग, तपस्या और तांडव के अधिपति भगवान शिव की कृपा से ही संपूर्ण सृष्टि गतिमान है।
हमारे घर में शिव आराधना के दौरान भोलेनाथ का यह ‘दिव्य और भव्य’ स्वरूप आप सभी के साथ इस वीडियो के माध्यम से साझा कर रहा हूँ।
महाशिवरात्रि की अनंत मंगलकामनाएं!#HarHarMahadev pic.twitter.com/hkrlstjVpC
— Gautam Adani (@gautam_adani) February 26, 2025
गौतम अदाणी की भगवान के प्रति अटूट आस्था
गौतम अदाणी की भगवान के प्रति अटूट आस्था का पता इस बात से चलता है कि पिछले दिनों एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा था कि जिंदगी के सफर से सभी को गुजरना है। जब आदमी इतना समझ लेता है तो जिंदगी सरल हो जाती है। अपना उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा था कि वह एक साधारण परिवार से हैं और 10वीं कक्षा के बाद ही शहर आ गए थे, जब ठीक से बोलना भी नहीं आता था, कभी दुनिया देखी नहीं थी। उन्होंने कहा, जब मैं आंख बंद करके ध्यान में बैठता हूं तो मूलतः अपनी जीवन यात्रा को याद करता हूं कि यहां कैसे पहुंच गया। कोई पारिवारिक पृष्ठभूमि नहीं, कोई पैसा नहीं, कोई प्रॉपर शिक्षा नहीं… तो कैसे पहुंच गया। तो आप भी कठपुतली हो, कोई करा रहा है आपसे।

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