प्रशासन के दावों की खुली पोल
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गोहाना : क्षेत्र में सप्ताह के दौरान दुसरे दिन भी हुई सुबह की बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी साथ ही वह गेहूं भी भीग गया जो कटाई के बाद शहर की अनाज मंडी में पहूंच चुका था। इससे प्रशासन द्वारा किये गये दावों की भी पोल खुल गई जो लगातार दावा कर रहे थे कि मंडी में न केवल खरीद की समूचित व्यवस्था है बल्कि बारिश आने पर भी किसी तरह की समस्या नहीं होगी क्योंकि पानी की निकासी का भी इंतजाम किया गया है। मगर एक ही बारिश से प्रशासन के दावे बुरी तरह से फेल हो गये। जगह-जगह पर पानी खड़ा होने से खुला और भरी हुई बोरियों का गेहूं पानी-पानी हो गया। इसके लिए किसानों और आढ़तियों ने प्रशासन को जिम्मेवार ठहराते हुए कहा कि अगर मंडी परिसर का स्तर सही हो और पानी की निकासी की व्यवस्था समूचित हो तो यह नौबत कभी नहीं आती।
जबकि हर साल इन दिनों में बारिश आती है या बारिश की आंशका बनी रहती है। ध्यान रहे कि गेहूं की खरीद की व्यवस्था को लेकर मार्किट कमेटी के अधिकारियों के अलावा सरकार के मंत्री और विधायक भी सीना ठोककर फसल खरीद के बेहतर इंतजामों के दावे करते हैं मगर दो बूंद आते ही मंडी में पानी की निकासी न के बराबर है जिससे खुले आसमान के नीचे पड़ा हजारों क्विंटल या बारदाने में भरा सारा गेहूं खराब हो जाता है। जिससे आढ़तियों और किसानों को ही परेशानी का सामना करना पड़ता है। सोमवार को करीब २ एमएम बारिश से प्रशासन और सरकार के दावे पूरी तरह धरे के धरे रह गये। आखिर हर साल की संभावनाओं का ध्यान करते हुए कम से कम पानी की निकासी का तो प्रबंध किया जा सकता है। अब तक मंडी में करीब २० हजार क्विंटल गेहूं की आवक हुई है जो कि इस सप्ताह जोरों पर होने वाली है।
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– जसबीर