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कांग्रेस नेता के बयान पर विपक्ष का हंगामा, 2 बार स्थगित हुई सदन की कार्यवाही, धारीवाल ने मांगी माफी

राजस्थान विधानसभा में विपक्षी विधायकों के भारी हंगामे के बीच संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने सदन में पुलिस विभाग की अनुदान मांगों पर बहस के दौरान दिये गये अपने बयान पर माफी मांगी।

03:57 PM Mar 10, 2022 IST | Desk Team

राजस्थान विधानसभा में विपक्षी विधायकों के भारी हंगामे के बीच संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने सदन में पुलिस विभाग की अनुदान मांगों पर बहस के दौरान दिये गये अपने बयान पर माफी मांगी।

राजस्थान विधानसभा में गुरुवार को विपक्षी विधायकों के भारी हंगामे के बीच संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने सदन में बुधवार रात को पुलिस विभाग की अनुदान मांगों पर बहस के दौरान दिये गये अपने बयान पर माफी मांगी और कहा कि ‘‘उनकी जुबान फिसल’’ गई थी। हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित की गई। मंत्री शांति धारीवाल ने दो बार माफी मांगी और कहा कि उनकी जुबान फिसल गई थी जिसके चलते बुधवार रात को पुलिस विभाग की अनुदान मांगों पर बहस का जवाब देते हुए कुछ शब्द उनके मुंह से निकल गये। उन्होंने इसके लिये माफी मांग ली है।
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विपक्ष ने कांग्रेस सरकार पर उठाये सवाल 
राजस्थान विधानसभा की कार्यवाही गुरुवार सुबह 11 बजे जैसे ही शुरू हुई प्रतिपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया ने मामला उठाया। विपक्षी सदस्यों ने मंत्री के बयान के विरोध में सदन में प्रदर्शन किया। हंगामे के बीच मंत्री शांति धारीवाल ने बुधवार रात को पुलिस अनुदान मांगों पर बहस का जवाब देने के दौरान उनके द्वारा दिये बयान पर माफी मांगी लेकिन विपक्षी सदस्यों ने सदन में प्रदर्शन जारी रखा। मंत्री के बयान को विधानसभा की कार्यवाही से बुधवार रात को निकाल दिया गया था।
धारीवाल बोले- मेरी जुबान फिसल गई
विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच मंत्री धारीवाल ने कहा कि ‘‘बहस का जवाब देते समय मेरी जुबान फिसल गई थी, इसके लिए मैं खेद प्रकट करता हूं। मैं मरू प्रदेश के लिये कुछ कहना चाहता था। मैं व्यक्तिगत रूप से महिलाओं का सम्मान करता हूं और आगे भी करता रहूंगा। अगर मेरी टिप्पणियों से किसी को ठेस पहुंची है तो मैं माफी मांगता हूं।’’ सदन को व्यवस्थित रखने के लिये विधानसभा अध्यक्ष के लगातार निर्देशों के बावजूद विपक्षी सदस्यों ने विरोध प्रदर्शन जारी रखा।
हंगामेदार रही सदन की कार्यवाही 
राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के विधायक पुखराज और नारायण बेनीवाल ने प्रदर्शन के बीच कुछ कागजात दिखाये जिस पर विधानसभा अध्यक्ष ने आपत्ति जताते हुए कहा कि कि सदन में कोई पोस्टर या बैनर या कागजात की अनुमति नहीं है। जब सदस्यों ने उनके निर्देशों की अवहेलना की तो अध्यक्ष ने मार्शलों को दोनों विधायकों को सदन से बाहर निकालने के निर्देश दिये। इसके बाद अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही एक घंटे के लिये स्थगित कर दी। जब सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई तो पीठासीन अधिकारी राजेन्द्र पारीक ने सदन की कार्यवाही दूसरी बार आधे घंटे के लिए स्थगित करने की घोषणा की। 
दूसरी बार के स्थगन के बाद फिर शुरू हुई कार्यवाही 
दूसरी बार स्थगन के बाद सदन की कार्यवाही फिर से शुरू हुई। प्रतिपक्ष के नेता गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि बुधवार रात मंत्री द्वारा दिया गया बयान दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि हंगामे के कारण वे और अन्य लोग मंत्री के जवाब को नहीं सुन सके। उन्होंने कहा कि मंत्री को अपना बयान (माफी मांगने वाला) फिर से देना चाहिए ताकि विपक्षी सदस्य और प्रदेश की जनता सुन सके। विधानसभा अध्यक्ष द्वारा धारीवाल को बोलने की अनुमति देने पर मंत्री ने अपना बयान फिर से पढ़ा और अपने बयान पर माफी मांगी। इसके साथ ही सदन में मामले पर गतिरोध खत्म हो गया और सदन की कार्यवाही सामान्य रूप से शुरू हुई।

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