इंफोसिस को लगा तगड़ा झटका
देश की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी इंफोसिस को तगड़ा झटका लगा है। दिग्गज आईटी कंपनी अपने ही पूर्व सीएफओ से कानूनी लड़ाई हार गई है।
नई दिल्ली : देश की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी इंफोसिस को तगड़ा झटका लगा है। दिग्गज आईटी कंपनी अपने ही पूर्व सीएफओ से कानूनी लड़ाई हार गई है। दरअसल, मुख्य कार्यकारी अधिकारी विशाल सिक्का के कार्यकाल में मुख्य वित्तीय अधिकारी राजीव बंसल ने कंपनी छोड़ी थी। आईटी कंपनी ने वर्ष 2015 में उन्हें सीवियरेंस पे (कंपनी से समयपूर्व निकालने पर किया जाने वाला भुगतान) के तौर पर 17.38 करोड़ रुपये का भुगतान करने की बात कही थी।
इंफोसिस के संस्थापक एनआर. नारायणमूर्ति ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई थी। उन्होंने सार्वजनिक तौर पर संदेह जताया था कि सीवियरेंस पैकेज के तौर पर इतनी बड़ी राशि का भुगतान करना किसी तथ्य को छुपाने के प्रयास करने जैसा है। विशाल सिक्का के हटने के बाद इंफोसिस ने न केवल राजीव बंसल के सीवियरेंस पे को रोक दिया था, बल्कि पूर्व में दिए गए 5.20 करोड़ रुपये की राशि को भी लौटाने को कहा था।
इंफोसिस का मुनाफा 38 फीसदी बढ़ा
राजीव बंसल ने आरबिट्रेशन ट्रिब्यूनल में इसके खिलाफ शिकायत की थी। इसके बाद दोनों पक्षों के दावों-प्रतिदावों पर सुनवाई शुरू हुई थी। ट्रिब्यूनल ने अब इंफोसिस को राजीव बंसल को 12.17 करोड़ रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया है। कंपनी को यह राशि ब्याज समेत देनी होगी। इंफोसिस ने आरबिट्रेशन पैनल के फैसले की जानकारी स्टॉक एक्सचेंज को दी। आईटी कंपनी ने स्टॉक फाइलिंग में कहा, ‘आरबिट्रल ट्रिब्यूनल ने पूर्व सीएफओ कंपनी और राजीव बंसल के बीच सीवियरेंस पैकेज को लेकर हुए समझौते से जुड़े फैसले के बारे में जानकारी दी है।