OTT Release Maharani-4 Review: सत्ता का खेल और बदले की राजनीति, चुनावों के बीच फिर चलेगा Maharani का डंका
OTT Release Maharani-4 Review: एक ख़ास तरह की गड़गड़ाहट है जो सिर्फ़ भारतीय राजनीति में ही गूँजती है, महत्वाकांक्षा और अहंकार के टकराव की आवाज़, सार्वजनिक रूप से किए गए वादों और निजी तौर पर टूट जाने की आवाज़। Maharani-4 उस गड़गड़ाहट को उसकी पूरी चमक और तीखेपन के साथ दर्शाता है।
पुनीत प्रकाश द्वारा निर्देशित, इस फ्रैंचाइज़ी का यह नया अध्याय एक निरंतरता और विकास, दोनों है। एक चतुर, मनोरंजक और अक्सर चौंकाने वाला यथार्थवादी राजनीतिक ड्रामा, जिसमें हुमा कुरैशी की रानी भारती बिहार की देहाती भूलभुलैया से निकलकर राष्ट्रीय सत्ता के धुंधले, ठंडे गलियारों में कदम रखती हैं।
OTT Release Maharani-4 Review: सत्ता का खेल और बदले की राजनीति

सीज़न 3 में रानी भारती बिहार की मुख्यमंत्री के रूप में मज़बूती से बैठी रहीं, जबकि उनके अंदरूनी ताने-बाने में काफ़ी उथल-पुथल मची हुई थी। Maharani-4 की पृष्ठभूमि में युद्ध का मैदान बिहार से दिल्ली की ओर मुड़ जाता है। कहानी रानी को प्रधानमंत्री कार्यालय और राष्ट्रीय सत्ता के दलालों के साथ सीधे टकराव में धकेल देती है।
हम श्वेता बसु प्रसाद की रोशनी भारती जैसे किरदारों को भी पेश करते हैं, जो पीढ़ीगत तनाव को रेखांकित करते हैं कि अगली बार सत्ता किसके हाथ में होगी। यह शो आठ एपिसोड लंबा है और विश्वासघात, बदलते गठबंधनों और परिवार बनाम राज्य की गतिशीलता पर ज़्यादा केंद्रित है।
पहले की धारणा के विपरीत, यह सीज़न रानी के अपने भाई की पीढ़ी को बिहार के मुख्यमंत्री पद देने के लिए इस्तीफ़े पर केंद्रित है। सारांश राष्ट्रीय महत्वाकांक्षाओं और कहानी के विस्तार की ओर इशारा करता है, न कि किसी एक राज्य-उत्तराधिकार की ओर। रानी को अब पीएम बनना है। क्या वो पीएम बन पाएंगी, ये देखने के लिए आपको ये सीरीज देखनी होगी।
चुनावों के बीच फिर चलेगा Maharani का डंका

हर सीजन की तरह महारानी का ये चौथा सीजन भी कमाल है। पहले सीन से ये आपको बांध लेता है। राइटिंग में धार है और राइटिंग किसी भी फिल्म या सीरीज की रीढ़ होती है और यहां ये रीढ़ काफी मजबूत है। चाहे रानी और उनके परिवार के बीच के इमोशनल सीन हों या फिर राजनीति के दांव पेंच वाले सीन, हर सीन को कमाल तरीके से उसके फील के हिसाब से लिखा गया है।
सीरीज में सत्ता, बदला, रिश्तों और विश्वासघात का मिश्रण दर्शकों को लगातार जोड़े रखता है। हालांकि कुछ जगह कहानी थोड़ी तेज़ी से आगे बढ़ती है, जिससे कुछ सीन्स में भावनाओं की गहराई कम महसूस होती है। लेकिन फिर भी इसकी स्क्रिप्ट और पॉलिटिकल इंट्रीग दर्शकों को बांधे रखती है।
हुमा कुरैशी इस सीरीज की जान

हुमा कुरैशी इस सीरीज की जान हैं। उनकी डायलॉग डिलीवरी, बॉडी लैंग्वेज, अग्रेशन, सब कमाल है। हुमा इस किरदार को जीती हैं। वो इस किरदार में रानी भारती ही लगती हैं। जिस अथॉरिटी से वो ये किरदार निभाती हैं वो अपने आप में एक मिसाल है। भाषा पर उनकी पकड़ गजब की है।
जब उनकी बेटी बनी श्वेता भाषण देती हैं तो एक मां के तौर पर हुमा जो एक्सप्रेशन देती हैं वो वाकई उनके कमाल के एक्टर होने का बड़ा प्रूफ है। अगर आपको राजनीति की चालें, सत्ता का खेल और मजबूत महिला किरदार पसंद हैं, तो 'महारानी' सीजन 4आपके लिए परफेक्ट वेब सीरीज है। इसमें बिहार की राजनीति का असली रंग, सत्ता की भूख और एक महिला के संघर्ष की कहानी को बखूबी दिखाया गया है।
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