पाकिस्तान का झूठ फिर बेनकाब
शनिवार को खबर आई थी कि मुम्बई बम धमाकों का मास्टर माइंड और भारत का मोस्ट वांटेड अपराधी दाऊद इब्राहिम पाकिस्तान में है। पाकिस्तान ने पहली बार स्वीकार किया
12:10 AM Aug 24, 2020 IST | Aditya Chopra
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शनिवार को खबर आई थी कि मुम्बई बम धमाकों का मास्टर माइंड और भारत का मोस्ट वांटेड अपराधी दाऊद इब्राहिम पाकिस्तान में है। पाकिस्तान ने पहली बार स्वीकार किया कि दाऊद न सिर्फ पाकिस्तान में रहता है बल्कि उसके खिलाफ कार्रवाई भी की है। इस आशय की अधिसूचना पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने जारी की थी। इस अधिसूचना में संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित लोगों और संगठनों की जानकारी है। दाऊद के अलावा 88 लोगों के विरुद्ध भी कार्रवाई करने की बात सामने आई। पाकिस्तान अपने बयान पर 12 घंटे भी टिक नहीं पाया। वहां के विदेश मंत्रालय ने इस खबर को खारिज करते हुए कहा कि दाऊद इब्राहिम पाकिस्तान में नहीं है। 18 अगस्त को पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने संयुक्त राष्ट्र में तालिबान, दाईश और अलकायदा के प्रतिबंधित आतंकवादियों की सूची को जारी किया। पाक विदेश मंत्रालय का कहना है कि समेकित एमआरओ समय-समय पर जारी करता है। सारे विश्व के आगे पाकिस्तान नग्न हो चुका है। नंगा नहायेगा तो निचोड़ेगा क्या? ऐसा सफेद झूठ बोलकर पाकिस्तान ने प्रत्यक्ष रूप से यह संदेश दे दिया है कि संयुक्त राष्ट्र और अन्तर्राष्ट्रीय आतंकवादी वित्त पोषण पर निगरानी रखने वाली संस्था वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) कुछ भी कर ले, सारे मिलकर भी ‘टेढ़ी पूंछ’ को सीधा नहीं कर सकते। किस जानवर की पूंछ लाख प्रयत्न करने पर भी सीधी नहीं होती, मैं सम्मानजनक उसका नाम इसलिए नहीं लिखना चाहता क्योंकि उसकी प्रतिबद्धता पर कोई भी उंगली नहीं उठा सकता, वह हमेशा अपने मालिक का वफादार रहता है परन्तु जो हमारे पड़ोसी लोग हैं, उन लोगों से मेरा मतलब हुक्मरानों से है, जो इस कदर बेइमान हैं कि उसकी तो कोई कल्पना ही नहीं कर सकता।
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पाकिस्तान की अवाम भी यह महसूस करने लगी है कि क्रिकेटर से राजनीतिज्ञ बनकर प्रधानमंत्री की कुर्सी पर पहुंचे इमरान खान को सियासत की ए,बी,सी भी नहीं आती। पाकिस्तान ने अपनी स्थिति इतनी हास्यास्पद बना ली है कि मुझे एक घटना याद आ गई-‘‘एक लड़का था जो व्यर्थ में बड़ा अनाप-शनाप बोलता था और इसी वजह से उसकी शादी नहीं हो रही थी। किसी तरीके से सातवीं तक पढ़ पाया और गलत धंधों में पड़ गया। बातचीत में बड़ा उस्ताद हो गया। किसी तरह मां-बाप ने उसकी एक बड़े अच्छे कुल में शादी तय कर दी। लड़का बड़ा खुश हुआ। लड़की वालों ने बस एक ही ख्वाहिश जाहिर की कि वह एक बार लड़के से मिलना चाहेंगे। लड़के के मां-बाप ने समय तय कर लिया। वह लड़के को वहीं ले गए। लड़का देखने में अच्छा-खासा और तंदरुस्त था। लड़के को मां-बाप ने चेतावनी पहले ही दे दी कि वह ज्यादा न बोले और बात का जवाब मुख्तसर यानी संक्षिप्त में ही दे।
तीनों लड़की वालों के यहां जा पहुंचे। लड़की वालों ने बड़ा अच्छा स्वागत किया। उन्हें लड़का बड़ा पसंद भी आया। शुरू में वह लड़का चुपचाप बैठा रहा, पर जब लड़की के पिता ने उससे पूछा कि उसकी शैक्षणिक योग्यता क्या है तो वह चुप न बैठ सका और बोला-‘‘जनाब मैं खुद कुछ बोलना नहीं चाहता था, पर आपने यह पूछ ही लिया है तो सुनें : मैंने पहले बी.एस.सी. की परीक्षा पास की। बाद में आई.आई.टी. जाने का मन बना तो वहां से बी.टैक. किया। बाद में मैं अमेरिका में एम.आई.टी. में पढ़ता रहा और पूरे अमेरिका में अव्वल आया। उसके बाद नासा में दो लाख डालर महीना मुझे मिलता रहा।’’ इतनी बातें सुनकर तो लड़की वालों के पैरों तले जमीन निकल गई। उनकी लड़की महज बी.ए. थी। पहले तो उन्हें लगा कि उनकी किस्मत खुल गई, पर बाद में सोचने लगे कि इतने काबिल लड़के से बेटी का विवाह करना क्या ठीक होगा। लड़के के मां-बाप की ‘काटो तो खून नहीं’ वाली स्थिति हो गई। लड़के के पिता ने गुस्से से अपने बेटे की ओर देखते हुए कहा, अपनी सारी योग्यता और गुण तो बता दिए, अब यह भी बता दो कि एकाध अवगुण भी है कि नहीं। लड़की का पिता भी उत्सुकता से लड़के को देखने लगा। लड़का बोला, ‘‘जनाब जहां सैंकड़ों खूबियां हों वहां एकाध कमी तो रह ही जाती है।’’ मेरे में एक ही कमी है, ‘‘मैं झूठ बहुत बोलता हूं,’’ बस एक कमी? उस लड़की के बाप की क्या हालत हुई होगी आप समझ सकते हैं।’’
पाकिस्तानी हुक्मरानों में भी बस एक ही कमी है, सब झूठ बोलने में माहिर हैं। वैसे बातचीत में इनका कोई जवाब नहीं। इतनी शालीनता और मिठास से बोलेंगे कि आपको विश्वास ही नहीं होगा कि ये बहुत बड़े फरेबी लोग हैं। जहां तक इमरान खान का सवाल है, वह तो सेना की कठपुतली मात्र है। पाकिस्तान की राजनीति भारत विरोध पर टिकी हुई है। अगर कोई भी राजनीतिज्ञ भारत से मित्रता की बात करे तो समझ लीजिए उसकी सियासी दुकान पर ताला लग जाएगा। इसलिए किसी पाकिस्तानी नेता की हिम्मत नहीं कि वह भारत से संबंधों में सुधार की वकालत करे, इसलिए वे हमेशा भारत से घृणा की राजनीति करते हैं। पाकिस्तान की हर मामले में फजीहत हो रही है। मौलाना मसूद अजहर, हाफिज सईद के मामले में उसकी फजीहत पहले भी हो चुकी है। कुलभूषण जाधव मामले में पाकिस्तान का फरेब सामने आ चुका है। अब एफएटीएफ की बैठक अक्तूबर में होने वाली है। इस बैठक में पाकिस्तान को ग्रे-लिस्ट में ही रखा जाएगा या उसे ब्लैक लिस्ट में डाला जाएगा, यह फैसला लिया जाएगा। 37 सदस्यीय एफएटीएफ की होने वाली बैठक में पाकिस्तान को ग्रे-लिस्ट से बाहर निकालने के लिए 15 वोट की जरूरत होगी। चार ऐसे देश भी हैं जो उसे ब्लैक लिस्ट होने से बचा सकते हैं। ये देश हैं चीन, तुर्की, मलेशिया और हांगकांग। चीन, तुर्की और मलेशिया वह देश हैं जिन्होंने कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान का साथ दिया है। संस्था के चार्टर के मुताबिक किसी भी देश को ब्लैक लिस्ट नहीं करने के लिए कम से कम चार देशों के समर्थन की जरूरत होती है। पाकिस्तान इस समय चीन के जाल में फंस चुका है। जब चीन पाकिस्तान की जमीन पूरी तरह कब्जा लेगा तब पाकिस्तानियों को पता चलेगा कि उनके हुक्मरानों ने किस तरह देश बेच खाया है। फरेबी पाकिस्तान का वजूद खतरे में है और हमेशा रहेगा। यह भी हो सकता है कि जनाक्रोश की ऐसी आंधी चले कि पाकिस्तान ही उससे खंडित हो जाए।
आदित्य नारायण चोपड़ा
Adityachopra@punjabkesari.com
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