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चारों तरफ से घिरा पाकिस्तान, शिगर निवासियों ने PAK सरकार के खिलाफ किया प्रदर्शन

शिगर निवासियों का खनिज संसाधनों पर पाकिस्तान से संघर्ष

05:15 AM Apr 29, 2025 IST | Himanshu Negi

शिगर निवासियों का खनिज संसाधनों पर पाकिस्तान से संघर्ष

जम्मू-कश्मीर में पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ विरोध बढ़ रहा है। शिगर जिले के निवासियों ने खनिज संसाधनों के संकट और प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ की नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन किया। विभिन्न धार्मिक और राजनीतिक नेताओं ने सरकार की नीतियों की कड़ी निंदा की और इसे लोगों के अधिकारों का उल्लंघन बताया।

जम्मू-कश्मीर में हुए पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान लगातार घिरता हुआ नजर आ रहा है। जहां एक तरफ भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कई बड़े फैसले लिए है वहीं दूसरी पाकिस्तान की सेना युद्ध के मैदान से पहले ही भाग गई है कई पाकिस्तानी सेना के कायर जवानों ने भारत के खौफ से इस्तीफा दे दिया है। तीसरी तरफ बलुचिस्तान की सेना भी पाकिस्तान के खिलाफ मुस्तैद नजर आ रही है और अब पाकिस्तान के कब्जे वाले गिलगित-बाल्टिस्तान के शिगर जिले के निवासियों ने खनिज संसाधनों के संकट को लेकर जमकर विरोध प्रदर्शन किया। साथ ही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ की देश के कर्ज को चुकाने के लिए क्षेत्र के प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करने की योजना का भी विरोध किया है।

विभिन्न वक्ताओं ने की कड़ी निंदा

शिगर के हुसैनी चौक से शुरू होकर पहाड़ों, चरागाहों, खनिजों और भूमि की सुरक्षा आंदोलन के तहत एक विरोध रैली आयोजित की गई थी। रैली में विभिन्न धार्मिक नेताओं और राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। पूरे विरोध प्रदर्शन के दौरान, अल्लामा आगा अली रिजवी (MWM गिलगित-बाल्टिस्तान), सैयद अब्बास मौसवी, सैयद ताहा शमसुद्दीन, विधानसभा के पूर्व सदस्य इमरान नदीम, शेख हसन जौहरी और शेख मुश्ताक हकीमी सहित विभिन्न वक्ताओं ने इस अधिनियम की कड़ी निंदा की और इसे लोगों के अधिकारों का उल्लंघन बताया। उनके अनुसार, सरकार के गलत फैसलों के कारण ऐसी स्थिति पैदा हुई कि जनता को विरोध करना पड़ा।

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सरकार की नीतियों की निंदा

वक्ताओं ने स्पष्ट किया कि भले ही विरोध शांतिपूर्ण था, लेकिन लोगों की मांग को नजरअंदाज करने का कोई भी कदम आंदोलन को और बढ़ा देगा। उन्होंने सरकार की नीतियों की निंदा की और यह स्पष्ट किया कि बल के किसी भी प्रयोग का सभी स्तरों पर कड़ा विरोध होगा। विरोध के नेताओं ने यह भी घोषणा की कि स्थानीय लोग विवादास्पद विधेयक वापस लिए जाने तक सभी सर्वेक्षण और खनिज निष्कर्षण कार्यों को बंद करने के लिए तैयार हैं।

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