Pakistan को धूलचटाने के बाद Brahmos मिसाइल की मांग में जबरदस्त बढ़ोतरी, ये देश बना पहला ग्राहक
ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान भारतीय सेना ने Pakistan के खिलाफ Brahmos मिसाइल का इस्तेमाल किया था. इसके बाद से ही इस मिसाइल की अंतरराष्ट्रीय मांग तेजी से बढ़ी है. इस ऑपरेशन में ब्रह्मोस ने अहम भूमिका निभाई, जिससे दुनियाभर के कई देशों की नजर इस मिसाइल पर बनी हुई है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, चीन के अखबार ‘साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट’ ने ब्रह्मोस को बेहद घातक मिसाइल बताया है. रिपोर्ट के अनुसार, Pakistan पर हमले में इसकी भूमिका प्रभावशाली रही, जिसके चलते अब अमेरिका और चीन के कई विरोधी देशों ने इसे खरीदने की इच्छा जताई है.
कौन-कौन से देश खरीदना चाहते हैं Brahmos?
भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि करीब 14-15 देश Brahmos मिसाइल खरीदना चाहते हैं.इन देशों में शामिल हैं: एशियाई देश: थाईलैंड, फिलीपींस, इंडोनेशिया, वियतनाम, सिंगापुर, ब्रुनेई. वहीं मिडिल ईस्ट में बता करें तो, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात (UAE), कतर, ओमान, मिस्र इसे खरीदना चाहते हैं. इसके अलावा, दक्षिण अमेरिका में इसे ब्राजील, चिली, अर्जेंटीना, वेनेजुएला
फिलीपींस बना पहला ग्राहक
फिलीपींस ने 2022 में भारत के साथ 375 मिलियन डॉलर का समझौता किया था. वियतनाम और इंडोनेशिया भी बड़े सौदों पर बातचीत कर रहे हैं, जो क्रमशः 700 और 450 मिलियन डॉलर के हैं.
क्यों खास है ब्रह्मोस मिसाइल?
Brahmos मिसाइल भारत और रूस की साझेदारी में बनी है. इसका नाम भारत की ‘ब्रह्मपुत्र’ और रूस की ‘मस्कोवा’ नदियों के नाम से मिला है.
मुख्य खूबियां
- रफ्तार: Mach 2.8 से 3.0 (आवाज की गति से करीब तीन गुना तेज)
- मारक क्षमता: 450 से 800 किलोमीटर
- वजन: 3 टन तक का विस्फोटक ले जा सकती है
- लॉन्च प्लेटफॉर्म: जमीन, समुद्र और हवा तीनों से छोड़ी जा सकती है
- रडार में पकड़ में न आना और कम ऊंचाई पर उड़ान भरना इसकी खासियत है
- कीमत: लगभग 34 करोड़ रुपये प्रति मिसाइल
ऑपरेशन सिंदूर में Brahmos की भूमिका
भारतीय सेना ने हाल ही में पाकिस्तान में चल रहे आतंकियों के 9 शिविरों को ब्रह्मोस मिसाइल से निशाना बनाकर तबाह कर दिया. यह स्ट्राइक इतनी सटीक थी कि हर टारगेट पर सही निशाना लगाया गया.