पीएफआई कार्यकर्ता के फोन में मिले पाकिस्तानी नंबर, गिरफ्तार
राजस्थान पुलिस ने भीलवाड़ा के सुभाष नगर थाना क्षेत्र से पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के एक कार्यकर्ता को बुधवार को गिरफ्तार किया।
08:12 PM Jul 08, 2022 IST | Desk Team
राजस्थान पुलिस ने भीलवाड़ा के सुभाष नगर थाना क्षेत्र से पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के एक कार्यकर्ता को बुधवार को गिरफ्तार किया। वृत्ताधिकारी रामचंद्र चौधरी ने शुक्रवार को बताया कि गिरफ्तार आरोपी अब्दुल सलाम के मोबाइल में कुछ संदिग्ध पाकिस्तानी नंबर मिले हैं, जिनकी जांच करवाई जा रही है।
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धारा 151 के उल्लंघन में गिरफ्तार किया गया था शख्स
उन्होंने बताया कि बुधवार को सांगानेर कस्बे में गश्त के दौरान आरोपी को पुलिस अधिकारियों से उलझने के मामले में भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 151 के तहत शांति भंग के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। अधिकारी ने बताया कि आरोपी वर्तमान में न्यायिक हिरासत में है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
आपको बता दे कि पीएफआई के खिलाफ देश की सुरक्षा एजेंसिया जांच कर रही हैं। राजस्थान में पीएफआई काफी हद तक अपना प्रसार कर चुका हैं। बताया जाता हैं कि पीएफआई इस्लामिक कट्टरपंथी ताकत का संगठन हैं इस संगठन का नाम हाल ही में हुए दंगों में नाम सुर्खियों में आया था। करौली व भीलवाड़ा के दंगों में पीएफआई का नाम खुलकर आया था।
क्या हैं पीएफआई संगठन
पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया एक कट्टर इस्लामिक संगठन है। यह संगठन पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के अधिकारों की मांग की आड़ में आतंकवाद को भारत में पैर प्रसार करने के लिए काम करता हैं । लेकिन देश के कई राज्यों में हुए दंगों में इस संगठन का कनेक्शन पाया गया है। पीएफआई को लेकर कहा जाता है कि इस संगठन का संबंध इस्लामिक खूंखार आतंकवादी संगठन के केरल मॉड्यूल ISIS के लिए काम करता था। पूर्व में इसके के कई मेंबरों ने सीरिया और इराक में ISIS को ज्वॉइन किया था।
बैन सिमी का ही स्वरूप हैं पीएफआई संगठन
पीएफआई को स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेट ऑफ इंडिया यानी सिमी का ही विकल्प माना जाता है। भारत सरकार ने आतंकवाद के संबंधो को देखते हुए 1977 में बने सिमी को 2006 में बैन कर दिया गया।उसके बाद मुसलमानों, आदिवासियों और दलितों के हक की बात करने के लिए इस संगठन की स्थापना हुई, लेकिन हकीकत इसके बिल्कुल उल्ट है। ये एक कट्टर इस्लामिक संगठन है, जिसका नाम देशभर में हुए कई दंगों में सामने आ चुका है। इसकी संदिग्ध गतिविधियों के चलते कई बार इसे बैन करने की मांग उठ चुकी है।
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