Parliament Monsoon Session: संसद में Operation Sindoor और Kanwar Yatra पर सत्ता-विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक
संसद का Monsoon Session शुरू होते ही सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच बहस तेज हो गई है। इस बार की बहस का मुख्य केंद्र Operation Sindoor और Kanwar Yatra जैसे मुद्दे रहे। जैसे ही सत्र की कार्यवाही शुरू हुई, दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर तीखे आरोप-प्रत्यारोप शुरू कर दिए। सत्ता पक्ष ने सरकार की नीतियों और सैन्य अभियानों की तारीफ की, तो विपक्ष ने सरकार को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ा।
Operation Sindoor भारत की ताकत का प्रतीक
भाजपा के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद दिनेश शर्मा ने कहा कि Operation Sindoor पर सरकार ने संसद शुरू होने से पहले ही सभी दलों को विश्वास में लिया था। उन्होंने कहा कि यह कोई अचानक किया गया अभियान नहीं था, बल्कि सरकार की ठोस विदेश नीति और मजबूत सैन्य नीति का परिणाम है।
दिनेश शर्मा ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि विपक्ष उन नेताओं से डरता है जो भारत और राष्ट्रवाद की बात करते हैं। उन्होंने दावा किया कि जब विदेशों में विपक्ष के कई नेता गए तो वहां भी उन्होंने भारत की ताकत और Operation Sindoor का समर्थन किया, जिससे कांग्रेस के अंदर डर बैठ गया है कि यह उनके लिए राजनीतिक नुकसान का कारण बन सकता है।
दिनेश शर्मा ने Kanwar Yatra को लेकर विपक्ष की आलोचना पर भी पलटवार किया। उन्होंने कहा कि विपक्ष को उम्मीद थी कि यात्रा में उपद्रव होगा या पत्थरबाजी होगी, लेकिन इस बार कांवड़ियों ने पूरे देश में एक-दूसरे का स्वागत किया, माला पहनाई और शांति का संदेश दिया। इसी बात से विपक्ष परेशान है।
Operation Sindoor को लेकर सत्ता पक्ष का आक्रामक रुख
भाजपा सांसद रवि किशन ने Operation Sindoor को “भारत की विजय का उत्सव” करार दिया। उन्होंने कहा, “भारत ने Pakistan को कड़ा जवाब दिया है। यह हर भारतीय के लिए गर्व का पल है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने आतंकवादियों के खिलाफ साहसिक कदम उठाया है।”
केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भी ऑपरेशन पर खुलकर बयान दिया। उन्होंने कहा, “पहलगाम की घटना के बाद भारत ने दुनिया को यह संदेश दे दिया है कि हम आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेंगे। Operation Sindoor ने साबित कर दिया कि भारत अब जवाबी कार्रवाई करने में देर नहीं करता। विश्व के कई देशों ने इस कदम का समर्थन किया है।”
भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने सत्र को Operation Sindoor का उत्सव बताते हुए विपक्ष पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “जो लोग सेना के शौर्य और देश की जीत पर सवाल उठाते हैं, वे भारतीय सेना और देश की गरिमा को कमतर आंकते हैं। अब भारत सीधा जवाब देता है लेकिन विपक्ष बार-बार अनावश्यक सवाल उठाता है।”
Monsoon Session: विपक्ष का आरोप
दूसरी तरफ कांग्रेस ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह Operation Sindoor पर खुली चर्चा से बच रही है। कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने कहा, “हम चाहते हैं कि सरकार सदन में पूरी ईमानदारी से Operation Sindoor पर जवाब दे। यह विजय उत्सव मनाने का मंच नहीं है, यहां जवाबदेही तय होनी चाहिए। हमने विशेष सत्र की मांग की थी लेकिन सरकार ने उसे नजरअंदाज कर दिया।”
कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा, “सरकार Operation Sindoor के पीछे की पूरी जानकारी देश को दे। पहलगाम हमले के दोषी कहां हैं? विदेश नीति पूरी तरह विफल हो चुकी है, किसान आज भी सड़कों पर हैं, युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा और देश में महंगाई चरम पर है। सरकार सिर्फ युद्ध की बातें करके असली मुद्दों से जनता का ध्यान भटका रही है।”
विपक्ष की अन्य मांगें
कांग्रेस नेता कार्ति पी. चिदंबरम ने भी सरकार पर निशाना साधा और कहा कि सरकार को पहलगाम घटना, Operation Sindoor और हाल की Air India दुर्घटना पर संसद में विस्तृत बयान देना चाहिए। उन्होंने कहा, “देश जानना चाहता है कि पहलगाम में आतंकवाद की घटनाएं क्यों हो रही हैं? Operation Sindoor कितना प्रभावी रहा? और एयर इंडिया की घटना में आखिर क्या लापरवाही हुई?”
कार्ति ने यह भी कहा कि Parliament में सिर्फ उत्सव का माहौल बनाकर सरकार बच नहीं सकती। अगर Operation Sindoor सफल रहा है तो संसद में विस्तार से चर्चा होनी चाहिए और सभी सवालों के जवाब मिलने चाहिए।
Monsoon Session के शुरुआती दिनों में ही यह साफ हो गया है कि संसद का माहौल बेहद गर्म रहने वाला है। सत्ता पक्ष जहां Operation Sindoor को भारत की शक्ति का प्रतीक बता रहा है, वहीं विपक्ष इसे राजनीतिक हथियार मानते हुए सरकार की जवाबदेही तय करने पर अड़ा हुआ है। आने वाले दिनों में इस बहस के और तेज होने की संभावना है।