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Pehla Chandra Grahan kab Hai 2025 Me? जानें आ गई तारीख

04:05 PM Jul 30, 2025 IST | Amit Kumar
Pehla Chandra Grahan kab Hai 2025 Me

Pehla Chandra Grahan kab Hai 2025 Me: साल 2025 खगोलीय दृष्टिकोण से बेहद खास रहने वाला है, क्योंकि इसी साल एकमात्र पूर्ण चंद्र ग्रहण लगने वाला है। यह ग्रहण भारत समेत कई देशों में नजर आएगा और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसका विशेष महत्व है। साल 2025 में केवल एक ही Chandra Grahan लगेगा और वह 7 सितंबर 2025 को होगा। यह दिन भाद्रपद मास की पूर्णिमा तिथि को पड़ रहा है, जिसे हिंदू धर्म में अत्यंत शुभ माना जाता है। यह एक पूर्ण Chandra Grahan होगा और इसे भारत सहित कई देशों में देखा जा सकेगा।

Pehla Chandra Grahan kab Hai जानें?

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किन-किन स्थानों पर दिखेगा Pehla Chandra Grahan?

kab Tak Rahega सूतक काल ?

भारत में जब ग्रहण दिखाई देता है, तो उसका सूतक काल भी मान्य होता है। इस बार सूतक काल 7 सितंबर को दोपहर 12:58 बजे से शुरू होगा और ग्रहण समाप्ति तक यानी 1:26 बजे रात तक रहेगा। इस दौरान शुभ कार्य, भोजन, यात्रा और पूजा से बचने की परंपरा है। इसे आत्मशुद्धि और ध्यान-मनन का समय माना जाता है।

Pehla Chandra Grahan: इस दौरान क्या न करें?

वैज्ञानिक जानकारी

जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है और उसकी छाया चंद्रमा पर पड़ती है, तब चंद्र ग्रहण होता है। यह एक प्राकृतिक खगोलीय घटना है, जिसे विज्ञान के नजरिए से समझा जा सकता है।

साल 2025 का दूसरा सूर्य ग्रहण, जानें अब kab hai Surya Grahan?

kab hai Surya Grahan: इस साल यानी 2025 में पहला सूर्य ग्रहण 29 मार्च को लगा था। यह एक आंशिक Surya Grahan था जिसमें चंद्रमा ने सूर्य का कुछ हिस्सा ही ढका था। वहीं दूसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण 21 सितंबर की रात से शुरू होकर 22 सितंबर की सुबह तक चलेगा। इस ग्रहण की शुरुआत, रात 11 बजे होगी और सुबह 3 बजकर 24 मिनट पर ये खत्म होगा. यह भी एक आंशिक सूर्य ग्रहण होगा।

Surya Grahan क्या होता है?

Surya Grahan की बात करें तो, जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाता है और सूर्य की रोशनी को आंशिक या पूर्ण रूप से ढक देता है, तो इसे Surya Grahan कहा जाता है। यह घटना तभी होती है जब तीनों खगोलीय पिंड (सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी) एक सीध में आ जाते हैं। सूर्य ग्रहण एक खास खगोलीय घटना है जो न केवल वैज्ञानिकों के लिए शोध का विषय होती है, बल्कि कई संस्कृतियों में इसका गहरा धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व भी होता है।

इस दौरान वैज्ञानिक सूर्य के बाहरी हिस्से यानी कोरोना का अध्ययन कर पाते हैं और भौतिकी के कई सिद्धांतों को परखने का मौका मिलता है। वहीं, परंपराओं में इसे परिवर्तन और ऊर्जा के संकेत के रूप में देखा जाता है।

Surya Grahan के प्रकार

  • पूर्ण सूर्य ग्रहण (Total Solar Eclipse): इसमें चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह ढक लेता है और धरती पर एक समय के लिए अंधेरा सा हो जाता है।
  • आंशिक सूर्य ग्रहण (Partial Solar Eclipse): इसमें सूर्य का केवल कुछ हिस्सा ही ढकता है और बाकी भाग चमकता रहता है।

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