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पायलट को मिला गहलोत के मंत्री का समर्थन, कहा - वो सीएम के काबिल, मैं साथ खड़ा...

राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत पिछले कई सालों से कांग्रेस के करीबी रहे है।

03:07 PM Oct 10, 2022 IST | Desk Team

राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत पिछले कई सालों से कांग्रेस के करीबी रहे है।

राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत पिछले कई सालों से कांग्रेस के करीबी रहे है। आलाकमान को गहलोत पर इतना यकीन  था कि उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने की तैयारी हो रही थी, लेकिन अशोक गहलोत की सीएम कुर्सी से मोहमाया छूट नहीं पाई थी, जिसकी वजह से उन्हें भारी नुकसान भी झेलना पड़ सकता है। अशोक गहलोत ने कई दांव सीएम की कुर्सी बचाने के लिए खेली थी, लेकिन हर दांव उनपर ही उल्टा पड़ने लगा । जहां एक तरफ अब उनके अध्यक्ष बनने की खबर पर विराम लग चुका है, वही दूसरी ओर  अब राजस्थान में भी उनकी मुश्किलें बढ़ने लगी हैं। यानी की गहलोत गुट के विधायकों-मंत्रियों ने अपना पलड़ा बदल लिया है। 
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मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने पायलट को बताया सीएम मैटेरियल 
दरअसल, राजस्थान के सैनिक कल्याण राज्य मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने पायलट को मुख्यमंत्री बनाने के योग्य बताया है। मंत्री ने कहा,’एक काबिल व्यक्ति को आगे बढ़ने से कोई व्यक्ति नहीं रोक सकता है। पायलट का विरोध वही लोग कर रहे हैं, जिन्होंने पायलट के साथ बेवफाई की थी। अब उन लोगों को यह लग रहा है कि पायलट सीएम बन गए तो बेवफाई को याद कर काम करेंगे। 
गहलोत को पार्टी का सपोर्ट 
इसी के साथ मंत्री ने कहा कि वो पहले भी पायलट के साथ थे। आज भी उनके साथ खड़े है। परिणाम देरी से जरूर आएगा लेकिन आएगा जरूर। वो बस उस पल का इंतज़ार कर रहे है। गौरतलब है कि पायलट बार बार दावा करते है कि राजस्थान में कोई लड़ाई नहीं है। पार्टी में सब कुछ सामान्य है। कोई लड़ाई नहीं है। बस बीजेपी इन सबका फायदा उठाना चाहती है। लेकिन वो ऐसा होने नहीं देंगे। मंत्री के इस बयान के बाद गहलोत की मुश्किलें जरूर बढ़ सकती है, लेकिन उन्हें पार्टी का सपोर्ट भी है। 
गहलोत ने सोनिया पर दिया था बड़ा बयान 
हम आपको बता दें, जब गहलोत ने विधायकों के बगावत के बाद सोनिया गांधी से मुलाकात की थी तो उन्होंने कहा था कि ‘ मैं 50 साल से कांग्रेस को देख रहा हूं। इंदिरा गांधी को देखा राजीव गांधी को देखा और अब सोनिया गांधी को देख रहा हूं। पार्टी में काफी अनुशासन है। आज पार्टी संकट में जरूर है। हम 44 से लेकर 55 लोकसभा सीट पर जरूर आ गए हैं, लेकिन अगर अभी भी कोई मुख्य विपक्षी पार्टी है तो वो सिर्फ कांग्रेस है और यह सब सोनिया गांधी की वजह से है। सोनिया गांधी जी के अनुशासन में पूरे देश की कांग्रेस है और वह जो चाहेंगी वही होगा।’
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