भारत में स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने के लिए केंद्र ने ₹33,081.82 करोड़ मंजूर किए, PM-ABHIM के तहत मिलेंगी बड़ी सुविधाएं
PM-ABHIM: भारत सरकार ने प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन (PM-ABHIM) के तहत राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को स्वास्थ्य ढांचा सुधारने के लिए ₹33,081.82 करोड़ की राशि स्वीकृत की है। यह फंडिंग वित्तीय वर्ष 2021–22 से 2025–26 के बीच दी जाएगी और इसका उद्देश्य भारत के प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक स्तर के स्वास्थ्य ढांचे को महामारी जैसी आपात स्थितियों के लिए बेहतर तैयार करना है।
— Punjab Kesari (@PunjabKesariCom) July 23, 2025
PM-ABHIM: भविष्य की स्वास्थ्य आपात स्थितियों से लड़ने की तैयारी
PM-ABHIM यानी प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन को 2021 में लॉन्च किया गया था। यह एक केंद्र प्रायोजित योजना (CSS) है, जिसके कुछ हिस्से को केंद्र सरकार सीधे वित्तीय सहायता प्रदान करती है। योजना का कुल वित्तीय प्रावधान ₹64,180 करोड़ है। इसका लक्ष्य देश की स्वास्थ्य प्रणाली को भविष्य की महामारियों और आपदाओं से निपटने में सक्षम बनाना है।

कहां खर्च होंगे ₹33,081.82 करोड़?
इस योजना के तहत पांच प्रमुख क्षेत्रों में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को सहायता दी जा रही है, जिसमें शामिल हैं:
17,788 आयुष्मान आरोग्य मंदिर (AAMs) का निर्माण – ये वे सब-सेंटर हैं जिनके पास अभी तक अपनी बिल्डिंग नहीं है। इन्हें हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स में बदला जा रहा है।
11,024 शहरी आयुष्मान आरोग्य मंदिर (U-AAMs) – ये केंद्र मुख्य रूप से शहरी झुग्गी और पिछड़े इलाकों की आबादी की सेवा करेंगे।
3,382 ब्लॉक पब्लिक हेल्थ यूनिट्स (BPHUs) – ब्लॉक स्तर पर सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं की निगरानी और विस्तार के लिए।
730 इंटीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैब्स (IPHLs) – जिले या बड़े शहरों में अत्याधुनिक जांच सुविधाओं की स्थापना।
602 क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल ब्लॉक्स – ऐसे जिले जहां जनसंख्या 5 लाख से अधिक है, वहां उन्नत इलाज की सुविधा के लिए विशेष अस्पताल खंड बनाए जाएंगे।
अब तक की प्रगति: क्या-क्या मंजूर हुआ
स्वीकृत कुल ₹33,081.82 करोड़ में निम्नलिखित सुविधाओं के लिए फंडिंग को मंजूरी मिल चुकी है:
10,609 बिना इमारत वाले आयुष्मान आरोग्य मंदिर
5,456 शहरी आयुष्मान आरोग्य मंदिर
2,151 ब्लॉक पब्लिक हेल्थ यूनिट्स
744 इंटीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैब्स
621 क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल ब्लॉक्स
इन परियोजनाओं की स्वीकृति वर्ष 2021–22 से लेकर 2025–26 तक के लिए की गई है।

सरकार का मकसद: हर जिले तक आधुनिक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाना
इस योजना के माध्यम से सरकार की कोशिश है कि देश के हर हिस्से में स्वास्थ्य सेवाएं न केवल पहुंचें बल्कि उच्च गुणवत्ता वाली भी हों। महामारी के दौर ने यह दिखाया कि एक मजबूत सार्वजनिक स्वास्थ्य ढांचे की कितनी जरूरत है। ऐसे में PM-ABHIM योजना से यह अपेक्षा की जा रही है कि यह भारत को अगली महामारी या आपदा से बेहतर ढंग से लड़ने में मदद करेगी।

आगे की राह: निगरानी और क्रियान्वयन
अब जब फंडिंग मंजूर हो चुकी है, केंद्र और राज्य सरकारों की संयुक्त जिम्मेदारी है कि इन योजनाओं का समय पर क्रियान्वयन हो और जनता को इसका वास्तविक लाभ मिले। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि वह राज्यों के साथ मिलकर इन परियोजनाओं की नियमित निगरानी करेगा, ताकि तय समय-सीमा में गुणवत्ता युक्त काम हो सके।
ये भी पढ़ेंः भारत-ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौते पर मुख्य वार्ता संपन्न : विक्रम दोराईस्वामी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिटेन की दो दिवसीय यात्रा पर जाने वाले हैं। पीएम की यात्रा से पूर्व ब्रिटेन में भारत के उच्चायुक्त विक्रम के. दोराईस्वामी ने मंगलवार को कहा कि भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर मुख्य वार्ता पूरी हो चुकी है। समझौते से संबंधित कुछ अंतिम कागजी कार्रवाई बाकी है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री मोदी यूके की दो दिवसीय (23 से 24 जुलाई तक) आधिकारिक यात्रा पर जा रहे हैं।
यह उनकी चौथी यूके यात्रा है। मीडिया से बात करते हुए दोराईस्वामी ने कहा, दोनों देश व्यापार और निवेश पर व्यापक चर्चा करेंगे, खासकर इस बात पर कि व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर होने के बाद इसे कैसे लागू किया जाए और दोनों देश अपने आर्थिक संबंधों को और कैसे मजबूत कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन में कार्यरत भारतीय कंपनियां काफी हद तक संतुष्ट हैं।