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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इटली में जी7 शिखर सम्मेलन (G7 Summit) में भाग लेने के बाद शुक्रवार को भारत रवाना हो गये। प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और पोप फ्रांसिस सहित कई वैश्विक नेताओं के साथ इटली में द्विपक्षीय बैठकें भी कीं। इटली के अपुलिया में जी7 शिखर सम्मेलन के ‘आउटरीच सेशन’ को संबोधित करते हुए मोदी ने प्रौद्योगिकी में एकाधिकार को समाप्त करने का आह्वान किया और कहा कि समावेशी समाज की बुनियाद रखने के लिए इसे रचनात्मक बनाया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने प्रौद्योगिकी में एकाधिकार को समाप्त करने के महत्व पर विस्तार से बात की जिसमें विशेष जोर कृत्रिम मेधा पर दिया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत कृत्रिम मेधा पर राष्ट्रीय रणनीति तैयार करने वाले अग्रणी देशों में शामिल है।
G7 समिट पूरा होने के बाद इटली से रवाना होने से पहले PM मोदी ने सोशल मीडिया पर लिखा कि, "अपुलिया में जी7 शिखर सम्मेलन में एक बहुत ही प्रोडक्टिव दिन रहा। वैश्विक नेताओं के साथ बातचीत की और विभिन्न विषयों पर चर्चा हुई। हमारा लक्ष्य साथ मिलकर ऐसे प्रभावशाली समाधान तैयार करना है जिससे ग्लोबल कम्युनिटी को फायदा हो और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक बेहतर दुनिया बने। मैं इटली के लोगों और सरकार को उनके गर्मजोशी भरे आतिथ्य के लिए धन्यवाद देता हूं।"
शिखर सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की, इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी, पोप फ्रांसिस और जापानी प्रधानमंत्री फूमियो किशिदा सहित अनेक लोगों से मुलाकात की। भारत के अलावा इटली ने अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका और हिंद-प्रशांत क्षेत्र के 11 विकासशील देशों के नेताओं को जी7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया था।