PM मोदी ने उज्बेक राष्ट्रपति के साथ की मुलाकात, दोनों देशों के बीच कई अहम मुद्दों पर हुई चर्चा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को यहां आठ सदस्यीय शंघाई सहयोग संगठन सम्मेलन से इतर उज्बेक राष्ट्रपति शवकत मिर्जियोयेव के साथ बैठक की और दोनों देशों के बीच कनेक्टिविटी, व्यापार एवं सांस्कृतिक सहयोग बढ़ाने के तौर -तरीकों पर चर्चा की।
10:36 PM Sep 16, 2022 IST | Shera Rajput
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को यहां आठ सदस्यीय शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) सम्मेलन से इतर उज्बेक राष्ट्रपति शवकत मिर्जियोयेव के साथ बैठक की और दोनों देशों के बीच कनेक्टिविटी, व्यापार एवं सांस्कृतिक सहयोग बढ़ाने के तौर -तरीकों पर चर्चा की।
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प्रधानमंत्री मोदी 22वें एससीओ शिखर सम्मेलन में शामिल हुए जिसकी मेजबानी ऐतिहासिक उज्बेक शहर समरकंद में राष्ट्रपति मिर्जियोयेव ने की।
मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘ राष्ट्रपति शवकत मिर्जियोयेव के साथ शानदार बैठक रही। (मैंने) उन्हें एससीओ सम्मेलन की मेजबानी करने को लेकर धन्यवाद दिया। भारत और उज्बेकिस्तान के बीच कनेक्टिविटी, व्यापार एवं सांस्कृतिक सहयोग बढ़ाने के तौर -तरीकों पर (हमने) चर्चा की।’’
Had a great meeting with President Shavkat Mirziyoyev. Thanked him for hosting the SCO Summit. Discussed ways to deepen connectivity, trade and cultural cooperation between India and Uzbekistan. pic.twitter.com/64HZz6enrX
— Narendra Modi (@narendramodi) September 16, 2022
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यह दोनों देशों के लिए विशेष साल है क्योंकि यह उनके बीच राजनयिक संबंध कायम करने की 30 वीं वर्षगांठ हैं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि उनकी चर्चा दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग एवं कनेक्टिविटी पर केंद्रित रही।
दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों में सर्वांगीण प्रगति की तारीफ की जिसमें दिसंबर, 2020 में हुए डिजिटल सम्मेलन में लिये गये निर्णयों का क्रियान्वयन भी शामिल है।
उन्होंने व्यापार, आर्थिक सहयोग एवं कनेक्टिविटी समेत द्विपक्षीय सहयोग के प्राथमिक क्षेत्रों पर चर्चा की।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘ व्यापार एवं निवेश को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने व्यापार की वस्तुओं का दायरा बढ़ाने तथा दीर्घकालिक व्यवस्था के वास्ते ठोस प्रयास करने की जरूरत पर बल भी दिया। इस संबंध में संभावनाओं का द्वार खोलने के लिए कनेक्टिविटी को अहम माना गया जिनमें चाबहार बंदरगाह तथा अंतरराष्ट्रीय उत्तर दक्षिण परिवहन गलियारे का अधिक इस्तेमाल भी शामिल है।’’
मंत्रालय ने कहा कि दोनों नेताओं ने भारत के विकास अनुभव एवं महारत के आधार पर सूचना प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य, उच्च शिक्षा जैसे क्षेत्रों में सहयोग पर जोर दिया तथा भारतीय शैक्षणिक संस्थान खोलने एवं उज्बेक और भारतीय विश्वविद्यालयों के बीच साझेदारी का स्वागत किया गया।
मंत्रालय ने कहा कि दोनों देशों के बीच अफगानिस्तान समेत क्षेत्रीय मुद्दों पर भी चर्चा हुई और दोनों इस बात पर सहमत थे कि इस युद्ध प्रभावित देश की सरजमीं का इस्तेमाल आतंकवादी गतिविधियों के लिए नहीं किया जाना चाहिए।
एससीओ की शुरुआत 2001 में शंघाई में हुई थी और इसके आठ पूर्ण सदस्य हैं, जिनमें छह संस्थापक सदस्य चीन, कजाखस्तान, किर्गिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं। बाद में यह सबसे बड़े अंतर-क्षेत्रीय अंतरराष्ट्रीय संगठनों में से एक के रूप में उभर कर सामने आया।
भारत और पाकिस्तान को 2017 में पूर्ण सदस्य का दर्जा दिया गया था।
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