PM नरेंद्र मोदी ने 77वें सेना दिवस पर भारतीय सेना को दी शुभकामनाएं
सेना दिवस पर पीएम मोदी ने सैनिकों के बलिदान को किया नमन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 जनवरी को 77वें सेना दिवस के अवसर पर भारतीय सेना को शुभकामनाएं दीं। सेना दिवस 2025 के अवसर पर सैनिकों को दिए संदेश में, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने बहादुर दिलों को धन्यवाद दिया और कहा कि राष्ट्र को उनके “अदम्य साहस और बलिदान” पर गर्व है। भारतीय सेना के बहादुर सैनिकों, पूर्व सैनिकों, बहादुर महिलाओं और परिवार के सदस्यों को सेना दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। देश को अपने सैनिकों के अदम्य साहस, बलिदान और राष्ट्र के प्रति अतुलनीय समर्पण पर गर्व है।
Today, on Army Day, we salute the unwavering courage of the Indian Army, which stands as the sentinel of our nation’s security. We also remember the sacrifices made by the bravehearts who ensure the safety of crores of Indians every day. @adgpi pic.twitter.com/LZa36V0QZf
— Narendra Modi (@narendramodi) January 15, 2025
भारतीय सेना का रहा है गौरवशाली इतिहास
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारतीय सेना के समर्पण और पेशेवर रूप से विभिन्न चुनौतियों का सामना करने की क्षमता ने सेवा के उच्च मानक स्थापित किए हैं। हमारी सेना का देश की दुर्गम सीमाओं, आपदा स्थितियों और आंतरिक कठिनाइयों से निपटने का गौरवशाली इतिहास रहा है। बदलते समय के साथ भारतीय सेना बदलाव की राह पर आगे बढ़ रही है। सैन्य बलों को और मजबूत करने के लिए, देश की सामरिक क्षमता को बढ़ाने और रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए पिछले दशक में अभूतपूर्व कदम उठाए गए हैं। हमारे सशस्त्र बलों का दृढ़ संकल्प और मजबूत इच्छाशक्ति एक आत्मनिर्भर और विकसित भारत के निर्माण में प्रमुख भूमिका निभाएगी। मां भारती की सेवा के लिए हमारे सैनिकों की वीरता, साहस, त्याग और तपस्या को राष्ट्र कृतज्ञता के साथ याद करता है। सेना दिवस के महत्वपूर्ण अवसर पर, मैं सभी देशवासियों की ओर से वीर शहीदों, वीर नारियों और पूर्व सैनिकों को नमन करता हूं।
क्यों मनाया जाता है सेना दिवस
भारत में 15 जनवरी को हर साल सेना दिवस के रूप में मनाया जाता है, क्योंकि इस दिन जनरल केएम करिअप्पा ने 1949 में अंतिम ब्रिटिश कमांडर-इन-चीफ जनरल फ्रांसिस रॉय बुचर से भारतीय सेना की कमान संभाली थी और इस प्रकार वे स्वतंत्रता के बाद पहले भारतीय कमांडर-इन-चीफ बने थे।