असम दौरे पर PM मोदी ने की झूमोइर नृत्य और चाय उद्योग की तारीफ
पीएम मोदी ने चाय बागानों के मजदूरों के वेतन वृद्धि की घोषणा की
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी असम के दो दिवसीय दौरे पर गुवाहाटी पहुंचे। अपने इस दौरे के दौरान पीएम मोदी ने असम में चाय उद्योग के 200 साल पूरे होने पर आयोजित एक कार्यक्रम में शिरकत किया। इस अवसर पर चाय बागानों के मजदूरों और आदिवासियों ने पारंपरिक नृत्य का प्रदर्शन किया। पीएम मोदी ने इन कलाकारों का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि आपकी प्रस्तुति में चाय बागान की महक और सुंदरता है और चाय की खूबसूरती और महक को चायवाले से बेहतर कोई नहीं समझ सकता।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि हम देश भर में आदिवासी संग्रहालय बना रहे हैं। चाय बागानों में काम करने वाले मजदूरों का वेतन बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ने कदम उठाए हैं। चाय बागानों में काम करने वालों में ज्यादातर मजदूर महिलाएं हैं। पीएम मोदी ने कहा कि चाय बागानों में काम करने वाली 1.50 लाख गर्भवती महिलाओं को आर्थिक मदद मिल रही है।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि मैं असम के काजीरंगा में रुकने वाला और दुनिया को उसकी जैव विविधता के बारे में बताने वाला पहला प्रधानमंत्री हूं। हमने कुछ ही महीने पहले असमिया को शास्त्रीय भाषा का दर्जा भी दिया है। असम के लोग अपनी भाषा के इस सम्मान का इंतजार दशकों से कर रहे थे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि चाय बागानों में 100 से अधिक मॉडल चाय बागान स्कूल पहले ही खोले जा चुके हैं और अब 100 और खोले जाएंगे।
इस दौरान पीएम मोदी ने असम के पारंपरिक झूमोइर नृत्य की तारीफ करते हुए कहा कि मुझे यकीन है कि झूमोइर के इस प्रदर्शन को देखकर पूरा भारत मंत्रमुग्ध हो जाएगा। उन्होंने कहा कि असम में आज एक अद्भुत माहौल है। ऊर्जा से भरा हुआ वातावरण है। उत्साह, उल्लास और उमंग से यह पूरा स्टेडियम गूंज रहा है। झूमोइर नृत्य के आप सभी कलाकारों की तैयारी हर ओर दिख रही है। इस शानदार तैयारी में चाय बागानों की खुशबू भी है और उनकी खूबसूरती भी है।