साइप्रस पहुंचे PM मोदी, एयरपोर्ट पर हुआ भव्य स्वागत, द्विपक्षीय संबंधों में आएगी मजबूती
साइप्रस पहुंचे PM मोदी, एयरपोर्ट पर हुआ भव्य स्वागत
साइप्रस की राजधानी निकोसिया में पीएम मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया गया. साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस और विदेश मंत्री कोन्स्टान्टिनोस कोम्बोस ने एयरपोर्ट पर खुद मौजूद रहकर पीएम का स्वागत किया.
PM Modi reached Cyprus: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी तीन देशों की विदेश यात्रा की शुरुआत करते हुए रविवार को साइप्रस पहुंचे. यह यात्रा भारत और साइप्रस के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने, व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने तथा रणनीतिक सहयोग को गहराने की दृष्टि से बेहद अहम मानी जा रही है. लगभग बीस वर्षों के अंतराल के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री का साइप्रस दौरा हुआ है, जिससे इस यात्रा का महत्व और भी बढ़ जाता है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, साइप्रस की राजधानी निकोसिया में पीएम मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया गया. साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस और विदेश मंत्री कोन्स्टान्टिनोस कोम्बोस ने एयरपोर्ट पर खुद मौजूद रहकर पीएम का स्वागत किया. इस अवसर को लेकर भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इसे “इतिहास और साझा मूल्यों पर आधारित एक मजबूत साझेदारी का प्रतीक” बताया.
प्रधानमंत्री मोदी ने जताया आभार
इस दौरान पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, “साइप्रस पहुंचकर प्रसन्नता हो रही है. राष्ट्रपति क्रिस्टोडौलिडेस द्वारा मेरे स्वागत के लिए मैं उनका आभारी हूं. यह यात्रा हमारे संबंधों को व्यापार, निवेश और अन्य क्षेत्रों में नई दिशा प्रदान करेगी.”
क्यों अहम है ये यात्रा?
अपनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी, राष्ट्रपति क्रिस्टोडौलिडेस के साथ विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर उच्चस्तरीय वार्ता करेंगे. इसके अतिरिक्त वे लिमासोल शहर में साइप्रस के उद्योगपतियों और व्यापारिक समुदाय के प्रतिनिधियों से भी मुलाकात करेंगे. इस बैठक में रक्षा, डिजिटल प्रौद्योगिकी, शिक्षा, पर्यटन, जलवायु परिवर्तन और सांस्कृतिक सहयोग जैसे विविध क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने पर चर्चा की जाएगी.
यात्रा से पहले PM मोदी का बयान
नई दिल्ली से रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि साइप्रस भारत का भरोसेमंद सहयोगी है, जो यूरोपीय संघ और भूमध्यसागरीय क्षेत्र में भारत का महत्वपूर्ण भागीदार भी है. उन्होंने कहा कि यह यात्रा हमारे ऐतिहासिक-सांस्कृतिक रिश्तों को गहराई देगी और आर्थिक तथा मानवीय सहयोग को भी मजबूती देगी.
भारत और साइप्रस के बीच 60 वर्षों से अधिक समय से राजनयिक संबंध हैं. दोनों देश लोकतांत्रिक मूल्यों, कानून के शासन और बहुपक्षीय साझेदारी में विश्वास रखते हैं. यह यात्रा इन सभी आयामों को और सुदृढ़ करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है.
कनाडा और क्रोएशिया की ओर अगला कदम
साइप्रस की यात्रा के बाद प्रधानमंत्री मोदी कनाडा जाएंगे, जहां वे प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के आमंत्रण पर G7 शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे. इस सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन, वैश्विक अर्थव्यवस्था, तकनीकी सहयोग और आतंकवाद पर चर्चा होगी.
इसके बाद वे क्रोएशिया भी जाएंगे, जहाँ राष्ट्रपति ज़ोरान मिलानोविच और प्रधानमंत्री आंद्रेज प्लेंकोविच से मुलाकात कर भारत-क्रोएशिया सहयोग को नई ऊँचाइयों पर ले जाने पर विचार किया जाएगा.
केंद्र का दावा: 35 महीने से 1 लाख से अधिक शिकायतें निपटाई
आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक एकता…
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह यात्रा उन देशों के प्रति आभार व्यक्त करने का अवसर भी है, जिन्होंने भारत का सीमा-पार आतंकवाद के खिलाफ समर्थन किया है. उन्होंने वैश्विक आतंकवाद से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग और समझ को और मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया.