PM मोदी ने स्काईरूट के इन्फिनिटी कैंपस का किया उद्घाटन, अंतरिक्ष क्षेत्र में योगदान की सराहना की
PM Unveiled Skyroot Vikram 1: PM मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हैदराबाद में भारतीय अंतरिक्ष स्टार्ट-अप स्काईरूट के इन्फिनिटी कैंपस का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री मोदी ने स्काईरूट के पहले ऑर्बिटल रॉकेट, विक्रम । का भी अनावरण किया, जिसमें उपग्रहों को कक्षा में प्रक्षेपित करने की क्षमता है। इस अत्याधुनिक सुविधा में बहु-प्रक्षेपण यानों के डिज़ाइन, विकास, एकीकरण और परीक्षण के लिए लगभग 2,00,000 वर्ग फुट का कार्य क्षेत्र होगा, और हर महीने एक ऑर्बिटल रॉकेट बनाने की क्षमता होगी।
PM Unveiled Skyroot Vikram 1

स्काईरूट भारत की अग्रणी निजी अंतरिक्ष कंपनी है, जिसकी स्थापना पवन चंदना और भरत ढाका ने की है, जो दोनों भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों के पूर्व छात्र और पूर्व इसरो वैज्ञानिक हैं और अब उद्यमी बन गए हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय की एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, नवंबर 2022 में, स्काईरूट ने अपना सब ऑर्बिटल रॉकेट, विक्रम-एस, लॉन्च किया, जिससे यह अंतरिक्ष में रॉकेट लॉन्च करने वाली पहली भारतीय निजी कंपनी बन गई ।
Skyroot Vikram 1 Rocket
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भारतीय अंतरिक्ष स्टार्ट-अप स्काईरूट के इन्फिनिटी कैंपस के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए, पीएम मोदी ने भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में निजी संगठनों के योगदान की सराहना की, क्योंकि उनकी सरकार ने इस क्षेत्र को निजी खिलाड़ियों के लिए खोल दिया है। प्रधानमंत्री मोदी ने युवाओं की जोखिम उठाने की क्षमता और नवीन सोच की भी प्रशंसा करते हुए कहा कि देश आज अंतरिक्ष क्षेत्र में एक अभूतपूर्व अवसर का साक्षी बन रहा है। भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में निजी क्षेत्र बड़ी प्रगति कर रहा है।
Speaking at the inauguration of Skyroot’s Infinity Campus. It is a significant leap forward for India’s space sector and its future. @SkyrootA https://t.co/EcLEWEcdIx
— Narendra Modi (@narendramodi) November 27, 2025
PM Modi News Today

स्काईरूट का इन्फिनिटी कैंपस नई सोच, नवाचार और युवा शक्ति को दर्शाता है। हमारे युवाओं का नवाचार, जोखिम उठाने की क्षमता और उद्यमशीलता नई ऊंचाइयों को छू रही है। आज का यह आयोजन दर्शाता है कि भविष्य में भारत वैश्विक उपग्रह प्रक्षेपण पारिस्थितिकी तंत्र में अग्रणी बनकर उभरेगा। उन्होंने कहा कि भारत ने सीमित संसाधनों के साथ अपनी अंतरिक्ष यात्रा शुरू की थी, लेकिन उसके संकल्प ने वैश्विक अंतरिक्ष क्षेत्र में अपनी छाप छोड़ी।
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