दिल्ली में पुलिस बंदोबस्त
दिल्ली ही नहीं देश के महानगर बढ़ते अपराधों से जूझ रहे हैं। महानगरों में इस प्रकार…
दिल्ली ही नहीं देश के महानगर बढ़ते अपराधों से जूझ रहे हैं। महानगरों में इस प्रकार की बढ़ती हुई घटनाओं से भय का वातावरण पनपता है। चोरी, डकैती, हत्याएं, बलात्कार, अपहरण की घटनाएं आम हैं लेकिन मौजूदा दौर में जैसे-जैसे विज्ञान उन्नति कर रहा है वैसे-वैसे अपराध जगत भी हाइटेक तरीके अपनाकर आगे बढ़ रहा है। अपराधी अब आर्टिफिशियल इंटेलिजैंस का इस्तेमाल कर लोगों को लूटने में लगे हुए हैं। रोजाना हमें साइबर अपराध की घटनाएं सुनने को मिलती हैं। डिजिटल अरेस्ट की धमकी देकर लाखों की वसूली की जा रही है। सरकारें, बैंकिंग सैक्टर और सोशल मीडिया लोगों को लगातार जागरूक बनाने का काम कर रहा है। फिर भी लोग ठगी का शिकार हो रहे हैं। तू-डाल-डाल मैं पात-पात। आज का अपराधी इतना आधुनिक हो गया है कि वह कानून को तोड़ने-मरोड़ने की कला सीख चुका है। अपराधी इस ताक में रहता है कि किस स्थान पर और किस समय घटना को अंजाम दिया जाए कि कानून उसका कुछ न बिगाड़ सके। महानगरों में गैंगवार और व्यापारियों, उद्योगपतियों से धमकी देकर वसूली करने की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। यह भी वास्तविकता है कि पुलिस हर गली और हर नुक्कड़ पर खड़े नहीं हो सकती।
अपराध की दुनिया तो कानून की दुनिया से बहुत बड़ी है। अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए हाइटेक तरीके अपनाने और अति सतर्कता बरतने और विशेष एेक्शन प्लान की जरूरत होती है। राष्ट्रीय राजधानी में व्यापारियों से रंगदारी मांगने के लिए फायरिंग, एक के बाद एक स्कूलों में बम रखने की धमकी से अफरा-तफरी और विस्फोटों की घटनाएं भी हुई हैं। दिल्ली में कानून-व्यवस्था हमेशा ही मुद्दा रही है। दिल्ली की कानून-व्यवस्था केन्द्रीय गृहमंत्रालय के अधीन है और गृहमंत्री अमित शाह समय-समय पर कानून-व्यवस्था की समीक्षा भी करते हैं। गृहमंत्री लगातार पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को दो टूक चेतावनी देते रहते हैं कि दिल्ली में कानून-व्यवस्था में किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। अपराधों के खिलाफ सरकार की नीति जीरो टालरैंस वाली रही है। दिल्ली पुलिस को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अपराध कम से कम हों। अपराधियों में भय पैदा होना चाहिए और दिल्लीवासियों को सुरक्षा का भाव महसूस होना चाहिए। गृहमंत्री अमित शाह दिल्ली की कानून-व्यवस्था को लेकर काफी गंभीर हैं। गृह मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) िवजय कुमार को अब दिल्ली में विशेष पुलिस आयुक्त के रूप में नियुक्त करने का फैसला किया है। वह िपछले पांच सालों से कश्मीर घाटी में जम्मू-कश्मीर पुलिस का नेतृत्व कर रहे हैं।
केन्द्र द्वारा जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म कर इसे दो केन्द्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के चार महीने बाद एजीएमयूटी (पहले जम्मू-कश्मीर) कैडर के 1997 बैच के आईपीएस अफसर िवजय कुमार को दिसम्बर 2019 में कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक के रूप में नियुक्त किया गया था। उससे पहले उन्होंने छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ अभियान का नेेतृत्व किया था और नक्सल प्रभावित दक्षिण बस्तर में घटनामुक्त आम चुनाव (2019) कराने में मदद की थी।
कश्मीर घाटी में अनुच्छेद 370 खत्म होने के बाद कानून-व्यवस्था की स्थिति को संभालने के लिए विजय कुमार को छत्तीसगढ़ से वापस लाया गया था। कश्मीर पुलिस प्रमुख के रूप में, वह केंद्र की कश्मीर नीति को जमीनी स्तर पर लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते थे। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने आतंकवाद विरोधी अभियानों का नेतृत्व किया, जिसमें कई आतंकवादी मारे गए और पुलिस कर्मियों को वीरता पदक मिले। इसके बाद वहां स्थानीय आतंकवादियों की संख्या घटकर 25 रह गई जो अब तक की सबसे कम संख्या है। इतना ही नहीं, विजय कुमार ने स्थानीय आतंकवादी समूहों द्वारा भर्ती को कम करने के लिए घाटी भर में पुलिस अभियान भी चलाए।
उन्होंने कश्मीर में आयोजित केन्द्र की हर घर तिरंगा रैलियों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया था और उन्हें 6 वीरता पदक मिल चुके हैं। महानगरों में अपराध ही नहीं भारत के सामने और भी बड़ी चुनौतियां हैं। गृहमंत्री अमित शाह ने मादक पदार्थों की तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा पर आयोजित क्षेत्रीय सम्मेलन में इनकी चर्चा करते हुए कहा कि डार्क वेब, क्रिप्टो करंसी, ऑनलाइन मार्केट प्लेस और ड्रोन चुनौती बने हुए हैं। सरकार ने न केवल ड्रग्स के कई नेटवर्क खत्म करने में सफलता पाई है बल्कि उनसे जुड़े आतंकवादी नेटवर्क को भी ध्वस्त किया है। देश की सुरक्षा के लिए केन्द्र सरकार तथा टेक्नोक्रेट संयुक्त रूप से नई चुनौतियों का तकनीकी समाधान निकालने में जुटे हुए हैं। बढ़ते अपराधों का एक बड़ा कारण नशे की लत से ग्रस्त युवा पीढ़ी भी है। उम्मीद है कि गृहमंत्रालय और पुलिस बल नशा मुक्त समाज बनाने के लिए चुनौतियों से जमकर टक्कर लेगा। दिल्ली पुलिस को भी अनुभवी अधिकारी विजय कुमार के नेेतृत्व में नई ऊर्जा मिलेगी और चुनौतियों से निपटने के लिए उसकी दक्षता बढ़ेगी।