Premanand Ji Maharaj Teachings: प्रेमानंद जी महाराज वो संत हैं, जो लोगों को प्रेम, भक्ति और सच्चे जीवन के मार्ग बताते हैं। जीवन के प्रति भी प्रेमानंद जी के विचार काफी स्पष्ट और सरल हैं। रोजाना कई श्रद्धालु प्रेमानंद जी महाराज से मिलने और उनका आशीर्वाद पाने के लिए वृंदावन के उनके आश्रम पहुंचते हैं।
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इन दिनों प्रेमानंद महाराज का एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने अकाल मृत्यु और सड़क दुर्घटनाओं से बचने के पांच विशेष उपाय बताए हैं। मान्यताओं के अनुसार, कई बार व्यक्ति की कुंडली में ऐसे योग बन जाते हैं जो अकाल मृत्यु का संकेत देते हैं। आइए जानते हैं कि महाराज जी के अनुसार ऐसे संकटों से बचने के कौन से उपाय लाभकारी माने गए हैं।
Premanand Ji Maharaj Teachings: अकाल मृत्यु से बचने के लिए गाठ बांध लें प्रेमानंद जी महाराज की ये 5 बातें
Top 5 Teachings of Premanand Maharaj (Photo: Social Media)
1. प्रतिदिन भगवान कृष्ण का चरणामृत ग्रहण करें
प्रेमानंद जी महाराज का कहना है कि यदि आप अपना कल्याण चाहते हैं, तो कुछ नियमों का पालन अवश्य करें। उनके अनुसार, रोजाना ठाकुर जी या शालिग्राम जी का चरणामृत पीना अत्यंत शुभ होता है। जो व्यक्ति नियमित रूप से चरणामृत ग्रहण करता है, उसे न केवल पुनर्जन्म से मुक्ति मिलती है, बल्कि उसके जीवन से अकाल मृत्यु के योग भी समाप्त हो जाते हैं। चरणामृत में ऐसी दिव्य शक्ति होती है जो शरीर के समस्त रोगों का नाश करती है।
2. घर से निकलने से पहले करें मंत्र जप
दूसरा नियम यह है कि जब भी आप घर से बाहर जाएं, तो इस मंत्र का कम से कम 11 बार जप करें —“कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने, प्रणतः क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नमः।” महाराज जी कहते हैं कि इस मंत्र का जप करने से व्यक्ति किसी भी दुर्घटना से सुरक्षित रहता है, और यदि किसी विपत्ति में फंस भी जाए तो उससे बाहर निकलने की शक्ति प्राप्त होती है। प्रतिदिन सुबह चरणामृत पीने के बाद यह मंत्र अवश्य जपें और फिर घर से निकलें।
Premanand Ji Maharaj Teachings (Photo: Social Media)
3. प्रतिदिन करें भगवान के नाम का जप
अपनी दैनिक दिनचर्या में से कम से कम 20 से 30 मिनट निकालें और भगवान के समक्ष बैठकर उनके नाम का स्मरण करें। जो भी नाम आपको प्रिय हो, उसका श्रद्धा और भक्ति के साथ जप करें। यह मन और आत्मा को शांति प्रदान करता है।
4. भगवान के सामने 11 बार दंडवत प्रणाम करें
हर दिन अपने घर में विराजमान ठाकुर जी को कम से कम 11 बार दंडवत प्रणाम करें। महाराज जी के अनुसार, भगवान कृष्ण को 11 बार दंडवत प्रणाम करने का फल 10 अश्वमेध यज्ञ के समान होता है। वे कहते हैं कि जो व्यक्ति अश्वमेध यज्ञ करता है, उसे पुनर्जन्म लेना पड़ता है ताकि वह अपने यज्ञ का फल प्राप्त कर सके, लेकिन जो भगवान कृष्ण को सच्चे मन से प्रणाम करता है, उसका पुनर्जन्म नहीं होता।
5. सिर पर लगाएं वृंदावन की रज
Premanand Ji Maharaj Teachings (Photo: Social Media)
महाराज जी बताते हैं कि वृंदावन की पवित्र धूल को अपने साथ रखें और प्रतिदिन सिर के मध्य भाग में थोड़ा सा लगाएं। जो व्यक्ति इन पांच नियमों का पालन करता है, उसका जीवन शुभ, मंगलमय और सुरक्षित रहता है।
Premanand Ji Maharaj Health Update: इस बिमारी की चपेट में हैं प्रेमानंद महाराज
Premanand Ji Maharaj Teachings (Photo: Social Media)
प्रेमानंद जी महाराज पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज (Polycystic Kidney Disease) से पीड़ित हैं, जो साल 2006 में सामने आया था। शुरू में पेट दर्द की शिकायत थी, लेकिन बाद में पता चला कि दोनों किडनी खराब हो चुकी हैं। पहले सप्ताह में पांच दिन डायलिसिस होती थी, लेकिन अब रोजाना डायलिसिस की जरूरत पड़ती है। यह प्रक्रिया हर दिन उनके घर पर ही डॉक्टरों की निगरानी में होती है।
कुछ दिन पहले प्रेमानंद जी की तबीयत खराब चल रही थी, जिसके चलते उनकी पदयत्रा को भी रोक दिया गया था। हालांकि अब वे स्वस्थ हैं और रोजाना की दिनचर्या जारी रख रहे हैं।
Premanand Ji Maharaj Love Tips: प्रेम के प्रति भी प्रेमानंद जी के विचार काफी स्पष्ट और सरल हैं। उनका मानना है कि सच्चा प्यार केवल शरीर से नहीं, बल्कि आत्मा से होता है। महाराज कहते हैं कि, एक बार किसी व्यक्ति के साथ संबंध स्थापित होने के बाद उसके प्रति पूरी तरह से समर्पित रहें। फिर किसी तीसरे व्यक्ति की तलाश न करें। आगे पढ़ें...