ऑपरेशन सिंदूर को वैश्विक स्तर पर ले जाने की तैयारी, जानें क्या बोले रविशंकर प्रसाद?
भारत का ऑपरेशन सिंदूर, अब अंतरराष्ट्रीय मंचों पर होगा पेश
ऑपरेशन सिंदूर को वैश्विक स्तर पर ले जाने के लिए भारत ने सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का गठन किया है। यह प्रतिनिधिमंडल विभिन्न देशों में जाकर भारत की आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई की जानकारी देगा। इसमें बीजेपी, कांग्रेस, शिवसेना और अन्य दलों के नेता शामिल हैं।
Patna News: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत सख्त कार्रवाई की. अब केंद्र सरकार इस कार्रवाई को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर प्रस्तुत करने की योजना बना रही है. इसके लिए एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का गठन किया गया है, जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद सहित अन्य प्रमुख साझेदार देशों का दौरा करेगा.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस डेलिगेशन में बीजेपी के वरिष्ठ नेता और सांसद रविशंकर प्रसाद, कांग्रेस सांसद शशि थरूर, जदयू नेता संजय झा, शिवसेना के श्रीकांत शिंदे, राकांपा की सुप्रिया सुले, द्रमुक सांसद कनिमोझी और बीजेपी सांसद बैजनाथ पांडा शामिल हैं. प्रतिनिधिमंडल अलग-अलग देशों में जाकर भारत की आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई की जानकारी साझा करेगा.
‘आतंक को बर्दाश्त नहीं करेगा भारत’
मीडिया से बातचीत के दौरान रविशंकर प्रसाद ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी की सोच स्पष्ट है. आतंकवाद के खिलाफ कोई नरमी नहीं बरती जाएगी. उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान अपनी धरती से आतंकियों को भारत भेजेगा, तो उसे कड़ा जवाब मिलेगा. साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री के उस बयान को दोहराया, जिसमें कहा गया है कि ‘पानी और खून साथ नहीं बह सकते, व्यापार और बातचीत एक साथ नहीं हो सकते.’
विदेशों का दौरा करेगा डेलिगेशन
रविशंकर प्रसाद ने बताया कि उन्हें सऊदी अरब, कुवैत, बहरीन और अल्जीरिया की यात्रा पर भेजा जाएगा. उनका यह दौरा 10 दिन का होगा. उन्होंने यह भी बताया कि सात अलग-अलग डेलिगेशन बनाए गए हैं, जिनमें विभिन्न दलों के नेता शामिल हैं, ताकि भारत एकता के साथ अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने अपनी बात रख सके.
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‘कांग्रेस में थरूर के नाम पर विवाद’
सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस सांसद शशि थरूर को शामिल किए जाने पर कांग्रेस ने आपत्ति जताई है. पार्टी का कहना है कि सरकार ने जिन चार नामों की मांग की थी, उनमें थरूर का नाम नहीं था. कांग्रेस ने सरकार पर अवसरवाद और कूटनीतिक असफलता का आरोप लगाया. इसके साथ ही भारत पाक के बीच युद्धविराम में अमेरिका के कथित मध्यस्थता पर सरकार को विपक्ष लगातार घेर रहा है. इस पर रविशंकर प्रसाद ने टिप्पणी से इनकार करते हुए कहा कि इस समय राजनीतिक विवाद नहीं, बल्कि एकजुटता की जरूरत है.
आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता का संदेश
भारत की यह पहल वैश्विक समुदाय को यह संदेश देने के लिए है कि देश आतंकवाद के खिलाफ किसी भी स्तर पर पीछे नहीं हटेगा. सरकार का उद्देश्य है कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत जो साहसिक कदम उठाया गया है, उसकी जानकारी दुनिया भर के देशों को दी जाए ताकि भारत की नीति और नीयत को अंतरराष्ट्रीय समर्थन मिल सके.