कजाकिस्तान के राष्ट्रपति बोले- देश में प्रदर्शनों के बीच संवैधानिक व्यवस्था एक बार फिर बहाल
कजाकिस्तान के हालात बहुत अच्छे नहीं है। हाल के दिनों में प्रदर्शनों के कारण अभूतपूर्व अशांति के बाद कजाकिस्तान के राष्ट्रपति ने शुक्रवार को घोषणा की कि देश में संवैधानिक व्यवस्था ‘‘मुख्यत: बहाल’’ कर दी गई है।
02:15 PM Jan 07, 2022 IST | Desk Team
दुनिया में कोरोना वायरस अपना कोहराम एक बार फिर मचा रहा है, तो वहीं, इन सबसे इतर कजाकिस्तान के हालात बहुत अच्छे नहीं है। हाल के दिनों में प्रदर्शनों के कारण अभूतपूर्व अशांति के बाद कजाकिस्तान के राष्ट्रपति ने शुक्रवार को घोषणा की कि देश में संवैधानिक व्यवस्था ‘‘मुख्यत: बहाल’’ कर दी गई है।
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राष्ट्रपति कासिम-जोमार्त तोकायेव के हवाले से उनके प्रवक्ता ने कहा, ‘‘आतंकवाद विरोधी अभियान शुरू हो गया है। कानून लागू करने वाली एजेंसियां कड़ी मेहनत कर रही हैं। संवैधानिक व्यवस्था मुख्यत: देश के सभी क्षेत्रों में बहाल कर दी गई है। स्थानीय अधिकारी स्थिति नियंत्रित कर रहे हैं।’’ राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘आतंकवादी अब भी हथियारों का उपयोग कर रहे हैं और लोगों की संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे हैं। इनके खिलाफ आतंकवाद विरोधी कार्रवाई जारी रहेगी।’’
करीब तीन दशक पहले आजाद होने के बाद से कजाकिस्तान सबसे भीषण प्रदर्शनों का सामना कर रहा है। वाहन ईंधन की कीमतों के लगभग दोगुना होने और स्वतंत्रता के बाद से एक ही पार्टी के शासन की वजह से व्यापक असंतोष के कारण प्रदर्शन शुरू हुआ, जो पूरे देश में फैल गया। विरोध प्रदर्शन बेहद हिंसक हो गए, सरकारी इमारतों में आगजनी की गई और एक दर्जन से अधिक अधिकारियों की मौत हो गई।
कजाकिस्तान के राष्ट्रपति तोकायेव ने पूरे देश में दो हफ्ते के लिए आपातकाल लगाने की घोषणा की है, जिसके के तहत में रात में कर्फ्यू लागू रहेगा और धार्मिक प्राथर्नाओं पर रोक लगा दी है। इससे कजाकिस्तान में रहने वाली ऑर्थोडॉक्स ईसाई आबादी को झटका लगा है, क्योंकि वे शुक्रवार को क्रिसमस मनाते। ऐसा लगता है कि प्रदर्शनकारियों का कोई नेता या मांग नहीं है। कई प्रदर्शनकारियों ने ‘पुराने लोग जाओ’ के नारे लगाए जो जाहिर तौर पर देश के पहले राष्ट्रपति नूर सुल्तान नज़रबेयेव का हवाला दे रहे थे। उन्होंने 2019 में पद से इस्तीफा दे दिया था लेकिन उनका प्रभाव अब भी है।
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