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प्रेसिडेंट Droupadi Murmu ने आपातकाल को बताया लोकतंत्र का काला अध्याय

04:56 PM Jun 27, 2024 IST | Abhishek Kumar
प्रेसिडेंट droupadi murmu ने आपातकाल को बताया लोकतंत्र का काला अध्याय

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू(Droupadi Murmu) ने संसद के सदनों में गुरुवार को अभिभाषण दिया के दौरान केंद्र की मोदी सरकार की उपलब्धियों से लोगों को अवगत कराया। इसके अलावा, निकट भविष्य में सरकार द्वारा उठाए जाने वाले कदमों के बारे में भी संकेत दिए। इस दौरान राष्ट्रपति ने आपातकाल का भी जिक्र किया।

Highlights
. Droupadi Murmu ने आपातकाल को बताया लोकतंत्र का काला अध्याय
. मोदी सरकार की उपलब्धियों से लोगों को अवगत कराया

Droupadi Murmu ने आपातकाल को बताया लोकतंत्र का काला अध्याय

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू(Droupadi Murmu) ने आपातकाल के संबंध में कहा कि यह लोकतंत्र के लिए काला दिन था, जिसे हिंदुस्तान का कोई भी व्यक्ति नहीं भूल सकता। उन्होंने कहा, “आने वाले कुछ महीनों में भारत एक गणतंत्र के रूप में 75 वर्ष पूरे करने जा रहा है। भारतीय संविधान ने पिछले दशकों में हर चुनौती और परीक्षण को झेला है। देश में संविधान लागू होने के बाद भी संविधान पर कई हमले हुए हैं। 25 जून 1975 को लागू किया गया आपातकाल संविधान पर सीधा हमला था, जब इसे लागू किया गया तो पूरे देश में हंगामा मच गया। हम अपने संविधान को जन-चेतना का हिस्सा बनाने का प्रयास कर रहे हैं।“

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Droupadi Murmu ने क्या कहा?

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू(Droupadi Murmu) ने कहा, “सरकार ने 26 नवंबर को जम्मू-कश्मीर में भी अब संविधान दिवस मनाना शुरू कर दिया है। वहीं, अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद आज की तारीख में जम्मू-कश्मीर में हालात पहले की तुलना में काफी सुधरे हैं। इस लोकसभा चुनाव में भी जम्मू–कश्मीर में वोट प्रतिशत में इजाफा हुआ है, जो कि वहां स्वस्थ हो रहे लोकतंत्र की ओर संकेत करता है।“

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उन्होंने आगे कहा, “आपातकाल के दौरान नागरिकों के अधिकारों को नष्ट कर दिया गया था। अभिव्यक्ति की आजादी पर कुठाराघात किया गया था। आम लोगों से उनके अधिकार छीन लिए गए थे। पूरे देश को जेलखाना बना दिया गया था। तत्कालीन सरकार ने मीडिया पर तब कई तरह की पाबंदियां लगाई थीं। न्यायपालिका की आजादी पर भी हमला किया गया था।“

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