गंभीर और रोहित पर दबाव, साउथ अफ्रीका ने लगभग पक्का किया WTC फाइनल का टिकट
साउथ अफ्रीका की शानदार वापसी, WTC टेबल में पहले स्थान पर
साउथ अफ्रीका ने वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) के मौजूदा चक्र की शुरुआत खराब तरीके से की थी। शुरुआती पांच मैचों में से सिर्फ एक जीत के साथ वे पॉइंट्स टेबल के निचले हिस्से में थे। लेकिन इसके बाद उन्होंने जबरदस्त वापसी की, लगातार पांच टेस्ट मैच जीतकर, जिसमें श्रीलंका के खिलाफ क्लीन स्वीप भी शामिल है।
साउथ अफ्रीका का प्रदर्शन
सोमवार को सेंट जॉर्ज पार्क, गकेबरहा में साउथ अफ्रीका ने श्रीलंका को 109 रनों से हराया। इस मैच में केशव महाराज ने पांच विकेट लेकर श्रीलंका की निचली क्रम को धराशायी कर दिया। इस जीत के साथ साउथ अफ्रीका ने 63.33% प्वाइंट्स के साथ WTC टेबल में पहला स्थान हासिल किया और लॉर्ड्स में फाइनल में पहुंचने की संभावना को लगभग पक्का कर लिया।
साउथ अफ्रीका को अपने आखिरी दो मैचों में से सिर्फ एक जीत की जरूरत है, जो वे पाकिस्तान के खिलाफ घरेलू सीरीज में हासिल कर सकते हैं। हालांकि, अगर पाकिस्तान साउथ अफ्रीका को क्लीन स्वीप कर देता है, तो भारत और ऑस्ट्रेलिया फाइनल की दौड़ में आगे बढ़ सकते हैं।
भारत के लिए फाइनल का रास्ता कैसे बनेगा?
भारत के मुख्य कोच गौतम गंभीर और कप्तान रोहित शर्मा पर दबाव बढ़ रहा है, क्योंकि साउथ अफ्रीका का एक स्थान लगभग पक्का है। भारत का फाइनल में पहुंचने का फैसला मुख्य रूप से बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के नतीजों पर निर्भर करेगा।
भारत, जो सितंबर में बांग्लादेश के खिलाफ क्लीन स्वीप के बाद टेबल में शीर्ष पर था, अब तीसरे स्थान पर आ गया है। इसका कारण ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एडिलेड टेस्ट में हार है।
फाइनल में अपनी जगह पक्की करने के लिए भारत को बाकी तीन मैचों में हार से बचना होगा और केवल एक ड्रॉ तक सीमित रहना होगा। अगर भारत सीरीज 2-1 से जीतता है, तो ऑस्ट्रेलिया के पास भी फाइनल में पहुंचने का मौका रहेगा, बशर्ते वे श्रीलंका के खिलाफ क्लीन स्वीप करें।
अगर सीरीज 2-2 से ड्रॉ होती है, तो भारत को श्रीलंका से उम्मीद करनी होगी कि वे ऑस्ट्रेलिया को 2-0 से हराएं या लगातार ड्रॉ पर रोकें। ऐसे में भारत 55.26% अंकों के साथ फाइनल में पहुंच सकता है। ऑस्ट्रेलिया भी समान प्रतिशत पर होगा, लेकिन भारत सीरीज जीत की संख्या के आधार पर फाइनल के लिए क्वालीफाई करेगा।
भारत को फाइनल में जगह बनाने के लिए न केवल अपने प्रदर्शन में सुधार करना होगा, बल्कि अन्य टीमों के नतीजों पर भी ध्यान देना होगा। बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के शेष मुकाबले भारत के लिए निर्णायक साबित होंगे।