पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान की रिहाई की मांग को लेकर 14 अगस्त को विरोध-प्रदर्शन
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के वरिष्ठ नेता असद कैसर ने घोषणा की है कि पार्टी अपने संस्थापक और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की रिहाई की मांग को लेकर 14 अगस्त को पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर आंदोलन के दूसरे चरण की शुरुआत करेगी। स्वाब में इमरान खान की गिरफ्तारी के एक साल पूरा होने पर आयोजित एक रैली के दौरान कैसर ने कहा, “हमारा विरोध आंदोलन अब दूसरे चरण में प्रवेश करेगा, जिसकी शुरुआत 14 अगस्त को होगी। इसके बाद हम सिंध की ओर बढ़ेंगे। इस बीच, पंजाब और अन्य प्रांतों में विरोध प्रदर्शनों के दौरान पुलिस ने पीटीआई के 240 से अधिक कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है। लाहौर में सड़कों को अवरुद्ध करने और कानून-व्यवस्था को खतरे में डालने के आरोप में कम से कम 122 कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया, जबकि अन्य को रातभर की छापेमारी के दौरान पकड़ा गया।
इस्लामाबाद और रावलपिंडी में धारा 144 लागू
पीटीआई प्रवक्ता जुल्फिकार बुखारी ने दावा किया कि अकेले लाहौर से 200 से ज्यादा पार्टी कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने पार्टी के कुछ सांसदों को भी गिरफ्तार किया था, जिन्हें बाद में शाम को रिहा कर दिया गया। पंजाब पुलिस के अनुसार, डिप्टी विपक्ष नेता मोइन रियाज़ कुरैशी, सांसद शोएब आमिर, इकबाल खट्टक, फर्रुख जावेद मून, ख़्वाजा सलाहुद्दीन और अमानुल्लाह खान को गिरफ्तार कर रिहा किया गया। इमरान खान की जेल अदियाला में सुरक्षा कड़ी करते हुए इस्लामाबाद और रावलपिंडी में धारा 144 लागू कर दी गई है, जिसके तहत अवैध सभाओं और बड़े जमावड़ों पर रोक लगाई गई है।
इमरान खान के समर्थक सड़कों पर उतरे
पेशावर में मंगलवार को एक रैली के दौरान खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन गंडापुर ने कहा कि लोग इमरान खान के आह्वान पर सड़कों पर उतर चुके हैं और अब यह विरोध प्रतिदिन होगा। उन्होंने कहा, 13 और 14 अगस्त को पार्टी नेतृत्व की ओर से आगे की रणनीति घोषित की जाएगी। हम देश में संविधान और कानून की सर्वोच्चता चाहते हैं और पीटीआई संस्थापक की रिहाई। इस विरोध की गूंज पाकिस्तान से बाहर भी सुनाई दी। अमेरिका के डलास शहर में प्रवासी पाकिस्तानियों ने विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें पूर्व डिप्टी नेशनल असेंबली स्पीकर कासिम खान सूरी ने हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि इमरान खान को सत्ता प्रतिष्ठान को चुनौती देने की सजा दी जा रही है। सूरी ने यह भी दोहराया कि 2024 के आम चुनावों में जनता का जनादेश चुराया गया और पीटीआई को राजनीतिक प्रतिशोध का निशाना बनाया जा रहा है।