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Pune Porsche Case : बॉम्बे हाईकोर्ट ने नाबालिग को रिहा करने का दिया आदेश

07:47 PM Jun 25, 2024 IST | Abhishek Kumar
pune porsche case   बॉम्बे हाईकोर्ट ने नाबालिग को रिहा करने का दिया आदेश
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Pune Porsche Case : किशोर न्याय बोर्ड पुणे के आदेश को 'अवैध' करार देते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को 17 वर्षीय नाबालिग लड़के को रिहा करने का आदेश दिया। उस पर 19 मई को नशे में धुत होकर अपनी पोर्श कार से दो लोगों को कुचलने का आरोप है।

Highlights
. Pune Porsche Case में नया मोड़
. बॉम्बे हाईकोर्ट ने नाबालिग को रिहा करने का दिया आदेश

Pune Porsche Case में नया मोड़

किशोर न्याय बोर्ड पुणे के आदेश को 'अवैध' करार देते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट( Pune Porsche Case) ने मंगलवार को 17 वर्षीय नाबालिग लड़के को रिहा करने का आदेश दिया। उस पर 19 मई को नशे में धुत होकर अपनी पोर्श कार से दो लोगों को कुचलने का आरोप है।लड़के की मौसी पूजा जी. जैन की याचिका को स्वीकार करते हुए, न्यायमूर्ति भारती डांगरे और न्यायमूर्ति मंजूषा देशपांडे की खंडपीठ ने नाबालिग लड़के को रिहा करने और याचिकाकर्ता की देखभाल व हिरासत में देने का आदेश दिया।

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बॉम्बे हाईकोर्ट ने नाबालिग को रिहा करने का दिया आदेश

सुनवाई के दौरान, हाईकोर्ट ने कहा कि लड़के को 19 मई ( Pune Porsche Case) को ही जमानत पर रिहा कर दिया गया था, ऐसे में जेजेबी उसे कैसे और किस अधिकार के तहत किशोर सुधार गृह में रख सकता है।नाबालिग की जमानत के लिए दलील देते हुए जैन के वकील अधिवक्ता अबाद पोंडा ने कहा कि एक बार किशोर को जमानत मिल जाने के बाद उसे निगरानी गृह में नहीं भेजा जा सकता। उन्होंने कहा कि लड़के को न तो दोबारा गिरफ्तार किया गया है और न ही उसकी जमानत को उच्च न्यायालय ने रद्द किया है। ऐसे में उसकी हिरासत अवैध है।

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याचिका का विरोध करते हुए सरकारी वकील हितेन वेनेगांवकर ने कहा कि लड़के को उसके दादा की हिरासत में छोड़ा गया था, न कि जमानत पर। चूंकि दादा और माता-पिता भी हिरासत में थे, इसलिए नाबालिग को किशोर सुधार गृह में भेजना पड़ा।वेनेगांवकर ने कहा कि राज्य लड़के की जमानत रद्द नहीं करना चाहता, बल्कि उसे उसकी सुरक्षा और भलाई के लिए किशोर गृह में भेजा है।

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