Top NewsIndiaWorldOther StatesBusiness
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariHoroscopeHealth & LifestyleViral NewsTech & AutoGadgetsvastu-tipsExplainer
Advertisement

पंजाब: मान सरकार का बड़ा फैसला, 56 सरकारी स्कूलों के नाम बदले

स्कूल शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस द्वारा जाति और बिरादरी के आधार पर रखे गये सरकारी विद्यालयों के नाम बदलने का आदेश जारी किये जाने के कुछ सप्ताह बाद पंजाब सरकार ने 56 सरकारी स्कूलों के नाम बदल दिये हैं।

04:13 PM Dec 30, 2022 IST | Desk Team

स्कूल शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस द्वारा जाति और बिरादरी के आधार पर रखे गये सरकारी विद्यालयों के नाम बदलने का आदेश जारी किये जाने के कुछ सप्ताह बाद पंजाब सरकार ने 56 सरकारी स्कूलों के नाम बदल दिये हैं।

स्कूल शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस द्वारा जाति और बिरादरी के आधार पर रखे गये सरकारी विद्यालयों के नाम बदलने का आदेश जारी किये जाने के कुछ सप्ताह बाद पंजाब सरकार ने 56 सरकारी स्कूलों के नाम बदल दिये हैं।स्कूल शिक्षा विभाग ने प्राथमिक और उच्च विद्यालयों समेत 56 सरकारी स्कूलों के नाम बदल दिये हैं। इन स्कूलों के नाम अब उस गांव के नाम पर, जहां वे स्थित हैं, या किसी प्रसिद्ध हस्ती, शहीद या स्थानीय नायक के नाम पर रखे गये हैं।
Advertisement
विभाग ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों और प्रारंभिक शिक्षा विभाग से उनके अधिकार क्षेत्र में संचालित जाति आधारित स्कूलों के बारे में रिपोर्ट मांगी थी।आम आदमी पार्टी (आप) की पंजाब इकाई ने शुक्रवार को सरकार के इस कदम का स्वागत किया।सत्तारूढ़ पार्टी की राज्य इकाई ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘स्कूलों के नाम गांव, या किसी स्थानीय नायक, शहीद या किसी जानी-मानी हस्ती के नाम पर रखे गये हैं।’’जिन स्कूलों के नाम बदले गये हैं, उनमें पटियाला जिले के 12, मानसा के सात, नवांशहर के छह और संगरूर और गुरदासपुर के चार-चार तथा फतेहगढ़ साहिब, बठिंडा, बरनाला और मुक्तसर के तीन-तीन स्कूल शामिल हैं।
बैंस ने एक दिसंबर को राज्य के उन सभी सरकारी विद्यालयों के नाम बदलने के आदेश जारी किये थे, जिनके नाम किसी जाति और बिरादरी के आधार पर रखे गये हैं।बैंस ने कहा था, ‘‘राज्य के कई सरकारी विद्यालयों के नाम किसी जाति से जुड़े होने के कई मामले सामने आए हैं।’’ उन्होंने कहा था कि इससे समाज में जातिगत अलगाव को बढ़ावा मिलता है।उन्होंने कहा था कि पंजाब के सरकारी विद्यालयों में सभी विद्यार्थियों को समानता के आधार पर शिक्षा दी जा रही है, इसलिए सरकारी विद्यालयों के नाम किसी वर्ग विशेष या जाति से संबंधित नहीं हो सकते।
Advertisement
Next Article