पानी के मुद्दे पर CM सैनी का तीखा प्रहार – गुरुओं की धरती पर मानवता की सीख की अनदेखी!
हरियाणा सीएम नायब सिंह सैनी ने पंजाब सीएम भगवंत मान पर पानी के बंटवारे के मुद्दे…
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने गुरुवार को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान पर पानी के बंटवारे के मुद्दे को राजनीतिक रंग देने का आरोप लगाया। उन्होंने इसे न केवल दुर्भाग्यपूर्ण बताया, बल्कि इसे राष्ट्रीय एकता की भावना के खिलाफ भी करार दिया।
गुरुओं की धरती पर मानवता की सीख की अनदेखी – सीएम सैनी
सीएम सैनी ने ज़ोर देते हुए कहा कि यह केवल सिंचाई का नहीं, बल्कि लोगों की बुनियादी जरूरत—पेयजल—का सवाल है, जिसे किसी भी सूरत में राजनीतिक हथियार नहीं बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पंजाब गुरुओं की पावन भूमि है और दुर्भाग्यवश, मौजूदा सरकार उनकी करुणा और मानवता की सीखों की अनदेखी कर रही है।
पानी जीवन रेखा है कोई राजनीतिक हथियार नहीं
मुख्यमंत्री ने दोहराया, “पानी जीवन रेखा है, कोई राजनीतिक हथियार नहीं।” उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी दिल्ली में सत्ता से बाहर हो चुकी है और अब पंजाब में अपनी छवि को बचाने का प्रयास कर रही है, जो शायद सफल नहीं होगा।
हरियाणा-पंजाब विवाद पर सीएम सैनी की चेतावनी – विकास पर ध्यान दें, नहीं तो नुकसान होगा”
अपनी और भगवंत मान की साधारण पारिवारिक पृष्ठभूमि का ज़िक्र करते हुए सैनी ने कहा, “हम दोनों जानते हैं कि हमारी माताएं दो-दो किलोमीटर दूर से पानी भरकर लाती थीं। इसलिए, हमें पानी जैसे जीवनदायिनी संसाधन का राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए।”
हरियाणा-पंजाब के बीच किसी भी प्रकार की दुश्मनी पैदा न करें
सीएम सैनी ने अपील की कि भगवंत मान अपने विवेक से काम लें, दूसरों के बहकावे में न आएं और हरियाणा-पंजाब के बीच किसी भी प्रकार की दुश्मनी पैदा न करें। उन्होंने कहा कि पंजाब के लोगों ने उन्हें जनादेश दिया है, इसलिए उन्हें जनता के हितों को प्राथमिकता देनी चाहिए और राज्य के विकास पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
इससे पहले भी सैनी ने भगवंत मान की आलोचना की थी, जब किसानों पर लाठीचार्ज हुआ था। उन्होंने किसानों को देश का पेट भरने वाला और मेहनती वर्ग बताया, जिसे हिंसा का सामना नहीं करना चाहिए।
पीने के पानी को राजनीति से दूर रखें, आम आदमी पार्टी पर साधा निशाना
सीएम सैनी ने कहा कि राजनीति को पार्टी सीमाओं से ऊपर उठाकर जनता के हित में, विशेषकर पानी जैसे जरूरी मुद्दों पर, मिलकर काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इतिहास में कभी पीने के पानी को लेकर विवाद नहीं हुआ, लेकिन चुनाव नज़दीक आते ही इसे राजनीतिक मुद्दा बना दिया गया है।
उन्होंने यह भी बताया कि गर्मी के महीनों—अप्रैल, मई और जून—में अक्सर अतिरिक्त पानी बह जाता है। साथ ही, NCR क्षेत्र में आबादी और औद्योगिकीकरण बढ़ने से पानी की मांग भी तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में सहयोग और समझदारी की जरूरत है, न कि राजनीति की।