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संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में पंजाबियों ने खून के साथ लिखे मोदी के नाम खत

भारत माता की जय और इंकलाब जिंदाबाद के नारों के बीच पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह द्वारा संशोधित नागरिकता कानून लागू करवाएं जाने की कोशिशों के बीच जहां देशभर के अलग-अलग हिस्सों में विरोध की खबरें मिल रही है

06:17 PM Dec 27, 2019 IST | Shera Rajput

भारत माता की जय और इंकलाब जिंदाबाद के नारों के बीच पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह द्वारा संशोधित नागरिकता कानून लागू करवाएं जाने की कोशिशों के बीच जहां देशभर के अलग-अलग हिस्सों में विरोध की खबरें मिल रही है

संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में पंजाबियों ने खून के साथ लिखे मोदी के नाम खत
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लुधियाना-अमृतसर : भारत माता की जय और इंकलाब जिंदाबाद के नारों के बीच पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह द्वारा संशोधित नागरिकता कानून लागू करवाएं जाने की कोशिशों के बीच जहां देशभर के अलग-अलग हिस्सों में विरोध की खबरें मिल रही है, वही पंजाब के कई इलाकों में आज भी केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए नए संशोधित कानून का जमकर सडक़ों पर विरोध प्रदर्शन हुआ। गुरू की नगरी अमृतसर में आज (सी.ए.ए ) के विरोध में एक अनोखा प्रदर्शन हिंदु-मुसिलम-सिख-ईसाइयों ने मिलकर किया।
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इस रोष प्रदर्शन में अलग-अलग समुदायों के प्रतिनिधि शामिल हुए। उकत प्रतिनिधियों ने मिलकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम अपने-अपने खून के कतरों से खत लिखा, जिसमें इस नए कानून के खिलाफ रोष प्रकट करते हुए इसे तत्काल रोके जाने की मांग की गई। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने जमकर नारेबाजी भी की।
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प्रदर्शनकारियों ने इस दौरान बताया कि देश क े संविधान ने सभी धर्मो के लोगों को बराबरी का अधिकार दिया है। लेकिन मोदी सरकार का यह कानून संविधान के विपरीत होने का एहसास करवाता है। उन्होंने मोदी सरकार को बांटने वाले इस काले कानून को वापिस लिए जाने की मंाग की भी। इस प्रदर्शन में सभी मजहबों के लोग शामिल हुए। लोगों का कहना था कि यह देश 130 करोड़ लोगों का है, किसी एक विशेष समुदाय का नहीं।
उधर लुधियाना में भी आज जुमा की नमाज के बाद अलग-अलग संस्थाओं की ओर से केंद्र सरकार के द्वारा बनाए गए नागरिकता कानून की विरोधता करते हुए जबरदस्त रोष प्रदर्शन किए गए।
उल्लेखनीय है कि मुंडिया मस्जिद से रोष प्रदर्शन की अगुवाई सूरज अंसारी, शाही इमाम के सचिव मुस्तकीम अहरार, पंजाबी बाग मस्जिद से मुफ्ती आरिफ कासमी, कुंदनपुरी मस्जिद से प्रधान नूर उल हक, मस्जिद पीएयू से मुफ्ती खालिद, एल ब्लॉक मस्जिद से डाक्टर मुहम्मद इद्रीस, भामिया ताजपुर रोड से मुहम्मद खालिद की अगुवाई में रोष प्रदर्शन किए गए। प्रदर्शनकारियों ने हाथों में काला कानून मुर्दाबाद, हिन्दू-मुस्लिम-सिख-ईसाई, आपस में भाई-भाई, संविधान बचाओ देश बचाओ, फिर्कापरस्ती मुर्दाबाद के प्ले कार्ड उठाएं हुए थे।
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से धर्म के नाम पर शुरू की गई राजनीति अफसोसनाक है। उन्होंने कहा कि हमारा देश धर्म निरपेक्ष देश है हम अपने वतन के संविधान की हर कीमत पर रक्षा करेंगे, उन्होंने कहा कि दुख कि बात है कि काला कानून बनाने के बाद से प्रदर्शन कर रहे लोगों पर यूपी पुलिस ने जो अत्याचार किया है उससे देश का सिर शर्म से झुक गया है। पुलिस जो कि हमेशा सब को बराबर की नजर से देखती है ने यूपी में अपना विश्वास खो दिया है।
प्रदर्शनकरियों ने भारत के राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद जी से मांग की है कि पुलिस की तरफ से की गई हत्याओं पर कारवाई करते हुए यूपी पुलिस में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए, खास बात यह है कि प्रदर्शनकारी जुमा की नमाज के बाद शांतिपूर्वक रोष प्रदर्शन करते हुए वापिस अपने घरों को लौटे। एक सवाल के जवाब में शाही इमाम के सचिव मुहम्मद मुस्तकीम ने कहा कि हम भारत के वासी है रोष प्रदर्शन में भी मर्यादा का ध्यान रखते हैं, किसी को गद्दार कह कर नहीं बोलते।
सुनीलराय कामरेड
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