पुतिन ने यूक्रेन को सीधी बातचीत का दिया प्रस्ताव
सीधी बातचीत से समाधान की उम्मीद: पुतिन
रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच एक अहम मोड़ पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन को 15 मई को इस्तांबुल में सीधी बातचीत का प्रस्ताव दिया है। यह प्रस्ताव ऐसे समय आया है जब कीव में यूक्रेन, फ्रांस, जर्मनी, पोलैंड और ब्रिटेन के नेताओं की बैठक के बाद एकतरफा 30 दिन के बिना शर्त सीजफायर की अपील की गई थी। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने इस प्रस्ताव को शांति की दिशा में एक सकारात्मक संकेत बताया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि रूस 12 मई से युद्धविराम के लिए तैयार हो जाएगा। हालांकि पुतिन ने यूरोपीय नेताओं द्वारा दी गई सैन्य दबाव की चेतावनी के बावजूद सीजफायर पर किसी अल्टीमेटम को स्वीकार करने से इनकार किया है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इस पहल को दोनों देशों के लिए “महान दिन” करार दिया है।
बिना शर्त युद्धविराम की मांग पर अड़े जेलेंस्की
यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने सोशल मीडिया पर लिखा कि युद्ध को समाप्त करने की दिशा में यह एक स्वागत योग्य कदम है, लेकिन उन्होंने रूस से बिना शर्त युद्धविराम की अपनी मांग दोहराई। उन्होंने कहा—”किसी भी युद्ध को समाप्त करने की दिशा में पहला कदम पूर्ण युद्धविराम होता है। हम उम्मीद करते हैं कि रूस 12 मई से बिना शर्त 30 दिन के युद्धविराम के लिए तैयार होगा।” पुतिन ने कहा कि वह यूक्रेन के साथ 2022 में बंद हुई शांति वार्ता को बिना किसी शर्त के फिर से शुरू करने को तैयार हैं। उन्होंने यूरोपीय नेताओं की सैन्य दबाव की रणनीति को खारिज करते हुए सीजफायर पर किसी अल्टीमेटम को मानने से इनकार किया।
पश्चिमी देशों का रूस पर दबाव, पुतिन को चेतावनी
10 मई को कीव में आयोजित बैठक में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर, पोलैंड के प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क और जर्मनी के चांसलर फ्रेडरिक मर्ज शामिल हुए। इन नेताओं ने रूस को चेताया कि अगर वह सीजफायर पर सहमत नहीं होता है, तो यूक्रेन को सैन्य समर्थन और तेज़ किया जाएगा। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा—”अगर पुतिन शांति के बारे में गंभीर हैं, तो उनके पास यह साबित करने का मौका है। अगर वह इससे मुंह मोड़ते हैं, तो हम मजबूती से जवाब देंगे।”