पृथ्वी शॉ के करियर पर सवाल: अनुशासन की कमी और ध्यान भटकने का नतीजा?
पृथ्वी शॉ का करियर संकट में: अनुशासन की कमी और ध्यान भटकने का नतीजा। प्रवीण आमरे ने बताया कि कैसे सफलता और ग्लैमर ने इस होनहार क्रिकेटर को प्रभावित किया।
दिल्ली कैपिटल्स के पूर्व कोच प्रवीण आमरे ने युवा क्रिकेटर पृथ्वी शॉ के करियर में गिरावट पर खुलकर बात की। उन्होंने बताया कि कैसे इस होनहार खिलाड़ी ने सफलता, पैसे और ग्लैमर के बीच खुद को खो दिया। आईपीएल 2025 की मेगा नीलामी में किसी भी टीम द्वारा न खरीदे जाने के बाद शॉ का करियर एक बड़ा सवाल बनकर खड़ा हो गया है।
ग्लैमरस जीवनशैली के कारण फोकस खो दिया
प्रवीण आमरे, जो दिल्ली कैपिटल्स के कोच रहते हुए पृथ्वी शॉ के साथ काम कर चुके हैं, ने उनकी गिरती परफॉर्मेंस की वजह उनकी ग्लैमरस जीवनशैली और अनुशासन की कमी को बताया। आमरे ने कहा कि शॉ ने क्रिकेट की प्राथमिकताओं से समझौता किया। उन्होंने खुलासा किया कि 25 साल की उम्र में पृथ्वी ने मुंबई के बांद्रा इलाके में एक महंगा पेंटहाउस खरीदा, लेकिन क्रिकेट में जरूरी अनुशासन बनाए रखने में चूक गए।
कम उम्र में बड़ी कमाई का असर
आमरे ने बताया कि उन्होंने शॉ को क्रिकेटर विनोद कांबली का उदाहरण देकर समझाने की कोशिश की थी, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ। उन्होंने कहा, “पृथ्वी ने 23 साल की उम्र तक 30-40 करोड़ रुपये कमा लिए थे। इतनी छोटी उम्र में इतनी बड़ी कमाई किसी भी युवा का ध्यान भटका सकती है। यह जरूरी है कि खिलाड़ी अपनी कमाई का सही प्रबंधन करें, सही संगत में रहें और अपने खेल को प्राथमिकता दें।”
कभी भारतीय क्रिकेट का भविष्य माने जाने वाले शॉ
2018 में अंडर-19 वर्ल्ड कप में भारत को जीत दिलाने वाले पृथ्वी शॉ को भारतीय क्रिकेट का अगला सुपरस्टार माना जा रहा था। उनकी बल्लेबाजी शैली, आक्रामक खेल और शुरुआती सफलता ने उन्हें सुर्खियों में ला दिया था। लेकिन पिछले कुछ सालों में उनका प्रदर्शन और फिटनेस दोनों सवालों के घेरे में आ गए हैं।
आगे के लिए अनुशासन और फोकस जरूरी
शॉ के करियर को फिर से पटरी पर लाने के लिए अनुशासन और खेल पर ध्यान केंद्रित करना बेहद जरूरी है। अगर वह अपनी प्राथमिकताओं को सही करते हैं, तो उनका करियर अब भी बेहतर हो सकता है। आमरे के अनुसार, युवा खिलाड़ियों के लिए यह जरूरी है कि वे ग्लैमर और पैसों से प्रभावित हुए बिना अपने खेल पर फोकस करें।
पृथ्वी शॉ का यह उदाहरण अन्य युवा क्रिकेटरों के लिए भी एक सबक है कि क्रिकेट में लंबी पारी खेलने के लिए अनुशासन, मेहनत और सही संगत सबसे जरूरी होती है।