Womens Team की जीत के बाद इस बात पर Ashwin ने Mens Team पर साधा निशाना
R Ashwin Big Statement: R Ashwin ने सोमवार को कहा कि भारतीय महिला क्रिकेट टीम की पहली वर्ल्ड कप जीत देश के लिए एक बहुत बड़ी और खास उपलब्धि है। उनका मानना है कि यह किसी भी अन्य ग्लोबल खिताब से ज्यादा महत्वपूर्ण है।
भारतीय टीम ने Harmanpreet Kaur की कप्तानी में रविवार को फाइनल में South Africa को 52 रन से हराकर अपना पहला World Cup ट्रॉफी अपने नाम किया। अश्विन ने कहा, “इस जीत का मतलब सिर्फ ट्रॉफी जीतना नहीं है। यह लड़कियों के लिए एक बड़ा संदेश है कि वे भी क्रिकेट को करियर बना सकती हैं।”
यह जीत न सिर्फ एक खेल की सफलता है, बल्कि यह भारतीय महिला क्रिकेट के लिए नई उम्मीद और प्रेरणा का स्रोत भी है।
R Ashwin Big Statement: पुराने खिलाड़ियों को भी मिला बराबर सम्मान
R Ashwin ने टीम की तारीफ करते हुए कहा कि जीत के बाद खिलाड़ियों ने अपने पूर्व दिग्गजों, जैसे Mithali Raj, Jhulan Goswami, Anjum Chopra और Reema Malhotra को सम्मान दिया। उन्होंने इसे बहुत खास बताया क्योंकि Mens टीम ने कभी ऐसा सम्मान नहीं दिया।
R Ashwinने कहा, “2016-17 में जब हरमनप्रीत कौर ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शानदार पारी खेली थी, उसके बाद इंग्लैंड के खिलाफ हार मिली। उस वर्ल्ड कप में झूलन गोस्वामी और मिथाली राज भी थीं। और अब टीम ने जीत के बाद ट्रॉफी उन्हें दी। यह वाकई में काबिले तारीफ है।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि अक्सर मीडिया में कहा जाता है कि ‘इस खिलाड़ी ने किया’ या ‘उसने किया’, लेकिन पिछली पीढ़ी का सही क्रेडिट देना बहुत कम देखा गया है। महिला टीम ने इसका बेहतरीन उदाहरण पेश किया।
उन्होंने कहा,
Even yesterday, the Indian team gave the trophy to Mithali Raj. Why did they do that? I actually take my hat off to the Indian women’s team for that. The Indian men’s team has never done something like this
उन्होंने आगे कहा,
Usually, it becomes about ‘my generation’s team is good’ and ‘your generation’s team wasn’t that great’. I’ve seen a lot of such discussions
R Ashwin Big Statement: मेहनत और संघर्ष की कहानी
भारतीय महिला टीम की यह जीत सालों की मेहनत का नतीजा है। कई बार हार और नजदीकी मुकाबलों के बाद टीम ने इतिहास रचते हुए केवल चौथी टीम बनकर ODI खिताब जीता।
अश्विन ने याद दिलाया कि 2009 से लेकर अब तक Harmanpreet Kaur ने कई बार टीम को संभाला। उन्होंने कहा, “जब टूर्नामेंट में तीन मैच हार गए, तो लोग कप्तानी पर सवाल उठाने लगे। लेकिन यह जीत दिखाती है कि कठिनाइयों के बावजूद लगातार प्रयास का फल मिलता है।”
उन्होंने एक पुराना उदाहरण भी बताया। “2017/18 में अंबाती रायुडू हैदराबाद जिमखाना स्टेडियम में खेल रहे थे। स्टेडियम भरा हुआ था। लेकिन उस समय कोई नहीं जानता था कि भारतीय महिला टीम की कप्तान मिथाली राज वहीं अभ्यास कर रही थीं। और आज हम उस मेहनत का फल देख रहे हैं।”
इस जीत ने साबित कर दिया कि मेहनत, संघर्ष और पुरानी पीढ़ी का सम्मान करना ही असली सफलता है। यह आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बन गई है।
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