Top NewsIndiaWorldOther StatesBusiness
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariHoroscopeHealth & LifestyleViral NewsTech & AutoGadgetsvastu-tipsExplainer
Advertisement

टाटा स्टील मास्टर्स 2025 में आर प्रज्ञानंद ने डी गुकेश को हराया, बने चैंपियन

आर प्रज्ञानंद ने टाटा स्टील मास्टर्स 2025 में डी गुकेश को हराकर रचा इतिहास

01:21 AM Feb 03, 2025 IST | Juhi Singh

आर प्रज्ञानंद ने टाटा स्टील मास्टर्स 2025 में डी गुकेश को हराकर रचा इतिहास

भारत के युवा ग्रैंडमास्टर आर प्रज्ञानंद ने हाल ही में नीदरलैंड के विज आन जी में आयोजित टाटा स्टील मास्टर्स 2025 के खिताबी मुकाबले में वर्ल्ड चैंपियन डी गुकेश को हराकर इतिहास रच दिया। प्रज्ञानंद ने टाई ब्रेक में गुकेश को 2-1 से मात दी और यह टूर्नामेंट जीतने वाले पहले भारतीय ग्रैंडमास्टर बन गए। इस जीत के साथ, प्रज्ञानंद ने 2006 के बाद भारत को फिर से टाटा स्टील मास्टर्स का खिताब दिलाया, जब यह खिताब दिग्गज विश्वनाथन आनंद ने जीता था।

Advertisement

टाटा स्टील मास्टर्स 2025 का रोमांचक सफर

इस टूर्नामेंट में कुल 14 खिलाड़ी शामिल थे, जो राउंड-रॉबिन फॉर्मेट में प्रतिस्पर्धा कर रहे थे। 13वें राउंड के बाद, डी गुकेश और आर प्रज्ञानंद दोनों ने 8.5 अंक प्राप्त किए थे, और मुकाबला टाईब्रेक में गया। गुकेश ने अर्जुन एरिगेसी के खिलाफ हार का सामना किया था, जबकि प्रज्ञानंद को विंसेंट कीमर से हार मिली थी। इसके बाद दोनों खिलाड़ियों के बीच टाईब्रेक में निर्णायक मुकाबला हुआ, जिसमें प्रज्ञानंद ने अंततः बाजी मारी। यह जीत भारतीय चेस के इतिहास में मील का पत्थर साबित हुई है। प्रज्ञानंद ने केवल डी गुकेश को हराया नहीं, बल्कि उन्होंने एक ऐसे टूर्नामेंट को जीतने का सम्मान भी हासिल किया जिसे 2006 के बाद कोई भारतीय ग्रैंडमास्टर नहीं जीत पाया था।

गुकेश की निराशा, लेकिन भविष्य में और उम्मीदें

चाहे वह वर्ल्ड चैंपियन बनने के बाद आत्मविश्वास से भरे हों, गुकेश इस बार अपने चैंपियन होने का खिताब बचाने में विफल रहे। हार के बाद वे थोड़े निराश जरूर नजर आए, लेकिन उनकी लगातार जीत की राह अभी जारी है और आने वाले टूर्नामेंट्स में उनके शानदार प्रदर्शन की उम्मीद बनी हुई है। इस टूर्नामेंट में भारतीय ग्रैंडमास्टरों का प्रदर्शन भी काबिले तारीफ रहा। प्रज्ञानंद की बहन, जी वैशाली ने 9वें स्थान पर रहते हुए अपनी छाप छोड़ी, वहीं दिव्या देशमुख 12वें स्थान पर रहीं।

Advertisement
Next Article