Rahul Gandhi की जान को किससे खतरा? कोर्ट में इन लोगों का लिया नाम!
कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता Rahul Gandhi ने हाल ही में पुणे की एक स्पेशल कोर्ट में पेशी के दौरान अपनी जान को खतरा बताया है। उन्होंने कोर्ट से अतिरिक्त सुरक्षा की मांग करते हुए कहा कि वीर सावरकर पर दिए गए बयानों की वजह से उन्हें जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं।
यह मामला उस मानहानि केस से जुड़ा है, जो वीर सावरकर के पोते सत्याकी सावरकर ने Rahul Gandhi के खिलाफ दर्ज कराया है। राहुल गांधी पर आरोप है कि उन्होंने लंदन में दिए गए एक भाषण में दावा किया था कि सावरकर ने अपनी किताब में लिखा है कि उन्होंने और उनके साथियों ने एक मुस्लिम व्यक्ति की पिटाई की थी, और इससे उन्हें खुशी हुई थी। सत्याकी सावरकर ने इसे झूठा और भ्रामक बताया, क्योंकि ऐसी कोई बात सावरकर की रचनाओं में नहीं है।
Rahul Gandhi के वकील ने दी जानकारी
Rahul Gandhi की ओर से अदालत में वकील मिलिंद दत्तात्रय पवार ने एक लिखित आवेदन दिया। उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ता का संबंध नाथूराम गोडसे और गोपाल गोडसे से है, जिनका इतिहास हिंसक गतिविधियों से जुड़ा रहा है। इस आधार पर राहुल गांधी की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई गई।
दो नेताओं पर धमकी देने का आरोप
Rahul Gandhi ने कोर्ट में बताया कि उन्हें दो नेताओं ने धमकी दी थी – रवनीत सिंह बिट्टू और तरविंदर सिंह मारवाह। रवनीत सिंह बिट्टू ने राहुल गांधी को “देश का नंबर एक आतंकवादी” कहा था। वहीं तरविंदर सिंह मारवाह ने कहा था कि राहुल गांधी का हाल उनकी दादी (इंदिरा गांधी) जैसा होगा। राहुल के वकील ने इन बयानों को भी कोर्ट में पेश किया और कहा कि वर्तमान राजनीतिक माहौल को देखते हुए राहुल गांधी की जान को गंभीर खतरा है।
अन्य शहरों में भी केस
सिर्फ पुणे ही नहीं, नासिक और लखनऊ में भी Rahul Gandhi के खिलाफ मानहानि के मुकदमे दर्ज हुए हैं।नासिक में देवेंद्र भुतड़ा ने केस दर्ज किया था, जिसमें राहुल को 15 हजार रुपये के मुचलके पर जमानत मिली। लखनऊ में वकील नृपेंद्र पांडे द्वारा दर्ज मामले में सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को चेतावनी दी थी कि वे आगे सावरकर पर अपमानजनक टिप्पणियां न करें।
कोर्ट ने याचिका को रिकॉर्ड में लिया
पुणे की अदालत ने Rahul Gandhi द्वारा दी गई सुरक्षा की याचिका को रिकॉर्ड में दर्ज कर लिया है, हालांकि अब तक इस पर कोई अंतिम फैसला नहीं आया है। राहुल गांधी की ओर से अदालत से अनुरोध किया गया है कि जब तक मामला चले, उन्हें अतिरिक्त सुरक्षा दी जाए।